मुरैना, मध्यप्रदेश के मुरैना नगर निगम के सफाई कर्मचारियों की तीन सूत्रीय मांगों को लेकर आज दसवें दिन भी हड़ताल जारी रहने से शहर गंदगी और कचरे के ढेर में तब्दील हो गया है।
जानकारी के अनुसार शहर में फैली गंदगी की सफाई करने के लिये आज यहां महापौर और पार्षदों सहित समाजसेवियों को झाड़ू लेकर सफाई करने के लिये सड़कों पर उतरना पड़ा।
सूत्रों के अनुसार नगर निगम की महापौर और आयुक्त व कलेक्टर ने हड़ताल समाप्त करने के लिये सफाई कर्मचारियों से की गई सातवीं बार की वार्ता असफल रही और सफाई कर्मी मांगे पूरी होने तक अपनी हड़ताल समाप्त करने के लिये तैयार नहीं हैं। सफाई कर्मियों की मुख्य तीन मांगे प्रमुख बताई जाती हैं, जिसमे पहली मुख्य मांग 1988 से लेकर 2007 के बीच भर्ती सफाई कर्मचारियों को सेवा में नियमत किया जाए। वर्ष 2007 के बाद जो सफाई कर्मचारी नियुक्त किये गए हैं उनका विनियमितीकरण के आदेश जारी किए जाएं। इसके अलावा फिक्स पे पर नियुक्त सफाई कर्मियों को कलेक्टर रेट का वेतन दिया जाए।
उधर नगर पालिक निगम के आयुक्त संजीव जैन ने कहा कि सफाई कर्मी काम पर नहीं लौटते तो शहर को साफ रखने के लिये नगर निगम दैनिक श्रमिकों से कचरा उठवाने का कार्य कराएंगे। सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ओमकुमार नरवरे का कहना है कि पूर्व निगम आयुक्त 13 -14 कर्मचारियों को नियमत करने के आदेश किस नियम के तहत जारी किए उसी आधार पर आदेश जारी किए जाए। उन्होंने कहा कि नियमतिकरण का आदेश निकालकर राज्य शासन ने अनुमोदन लिया जाए और अगर वहाँ से अनुमोदन जारी न हो तो कर्मियों से बाद में रिकवरी की जाए।