नयी दिल्ली, भारत समेत दुनियाभर के करीब 100 देशों में शुक्रवार को श्वाना क्राई रैन्समवेयरश् के नाम से हुए साइबर हमले के बाद आगे इस तरह के और हमलों की आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए देश की श्कंप्यूटर आपदा मोचन टीम ;आईसीईआरटी ने लेागों को इनसे बचाव के तरीके सुझाते हुए हैकरों द्वारा मांगी जा रही फिरौती की धमकियों से डर कर उनके जाल में नहीं फंसने की सलाह दी है।
इस साइबर हमले को रैन्समवेयर का अबतक का सबसे बड़ हमला माना जा रहा है। इसके जरिए खासतौर से विन्डोज आधारित कंम्यूटर प्रणाली को अपना शिकार बनाया जा रहा है। हैकर इसके जरिए कंप्यूटर के पासवर्ड को लॉक कर देते हैं और फिर उसे खोलने के लिए बिट क्वाइन या फिर डॉलर में फिरौती की मांग करते हैं।
इलेक्ट्राॅनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत काम करने वाली विशेषज्ञों की टीम श्अाईसीईआरटीश् की ओर से आज लोगों और कंपनियों को ऐसे साइबर हमले से बचने के कुछ उपायों की जानकारी दी गई और कहा गया कि यदि ऐसा कुछ भी हो तो इसकी जानकारी तुरंत स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों तक पहुंचाई जाएं। बचाव के तरीकों में कंप्यूटरों में एंटी वायरस साफ्टवेयर के साथ ही माइक्रोसाफ्ट कंपनी की ओर से उपलब्ध कराए गए सुरक्षा पैच लगाने और संदिग्ध ईमेल संदेशों को खाेलने और उनके साथ अटैच की गई फाइलों को डाउनलोड करते वक्त पूरी सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
आईसीईअारटी के अनुसार फिलहाल रेन्समवेयर के सात संस्करणों का पता लग चुका है। सीईआरटी की स्वच्छता केन्द्र वेबसाइट पर इन संस्करणों का पता लगाने के लिए एक साफ्टवेयर उपलब्ध कराया गया है। कंप्यूटर का इस्तेमाल करने वालों को सलाह दी जाती है कि वे वेबसाइट पर जाकर इस साफ्टवेयर को अपने कंप्यूटर पर डाउनलोड कर लें। यह मुफ्त उपलब्ध है। यह साफ्टवेयर कंप्यूटर प्रणाली में मौजूद किसी भी तरह के वायरस या गड़बड़ी पैदा करने वाले किसी साफ्टवेयर को तुरंत खत्म कर देगा।