नई दिल्ली, भले ही देश में सैन्य सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिहाज़ से सरकार अन्य देशों की सरकारों से आधुनिक सैन्य उपकरणों, हथियारों व लाड़कू विमानों की खरीद को लेकर सुरक्षा समझौतों की बात कर रही हो पर वहीँ सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस पर अपनी चिंता जताते हुए कहा है कि मौजूदा स्थिति में सेना के पास 68 फीसदी साजोसमान संग्रहालय में विरासत के रूप में रखने लायक है.
सेना ने कहा है कि वह वित्तीय संकट का सामना कर रही है और दो मोर्चों पर युद्ध की स्थिति वाली आशंका के मद्देनजर आपात खरीद करने के लिए भी संघर्ष कर रही है. सेना ने संसद की एक स्थायी समिति से कहा कि अगले वित्त वर्ष में रक्षा बजट में उसके लिए आवंटित धन देश के सामने खड़ी कई सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए पर्याप्त नहीं है.
उसने उत्तरी सीमा पर चीन और पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान की हरकतों का उल्लेख किया है. उधर, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने यहां एक कार्यक्रम में चीन की सैन्य ताकत के बारे में बात की और कहा कि देश आर्थिक प्रगति के साथ रक्षा खर्च की जरूरत के महत्व को समझता है. उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शरत चंद ने कहा कि धन के अपर्याप्त आवंटन से सेना की आधुनिकीकरण योजना प्रभावित होगी.