जम्मू, केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा है कि जो लोग आरएसएस को लेकर उकसावे वाले संदर्भ देकर समाज को बांटने के प्रयास करते हैं, उनसे कार्यकर्ता कहें कि उन्हें आदेश नागपुर से मिलते हैं, इस्लामाबाद से नहीं।
सिंह ने शुक्रवार को यहां किश्तवाड़ शहर में एक रैली में कहा अगर कोई आपको व्यंग्य से ताने मारकर कहता है कि आपको नागपुर (आरएसएस का मुख्यालय) से आदेश मिलते हैं तो आपको विनम्रतापूर्वक जवाब देना चाहिए कि आपको इस बात पर गर्व है कि आपको आदेश नागपुर से मिलते हैं न कि इस्लामाबाद या पाकिस्तान से जैसे कि आपको (ताने मारने वाले को) मिलते हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग इस तरह के व्यंग्य कसते हैं या उकसावे वाले संदर्भ देते हैं वह लोग वास्तव में असुरक्षा की भावना से ग्रस्त हैं और इस तरह की बचकानी बातें कह कर अपने राजनीतिक अस्तित्व को बचाना चाहते हैं।
सिंह ने यह भी कहा कि पाकिस्तान और उसके प्रति सहानुभूति रखने वालों की ओर से पेश चुनौती का सामना करने के लिए सभी को एकजुट होना चाहिए चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल या धर्म से संबद्ध हों। सिंह ने लक्षित हमलों को लेकर केंद्र सरकार और भारतीय सेना की साख पर सवाल उठाने वाले नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके पास एक आतंकवादी को आतंकवादी कहने का साहस नहीं है लेकिन वह अपने नापाक अभियान के लिए सेना को आसान निशाने के तौर पर लेते हैं। उन्होंने कहा ये (लक्षित हमलों को लेकर केंद्र सरकार और भारतीय सेना की साख पर सवाल उठाने वाले) लोग वे नेता हैं जिनके पास एक आतंकवादी को आतंकवादी कहने की हिम्मत नहीं है लेकिन वे अपने नापाक अभियान के लिए सेना को आसान निशाने के तौर पर लेते हैं। सिंह ने कहा अगर आप (भाजपा कार्यकर्ता) उनसे एक सूत्री सवाल पूछें कि क्या बुरहान वानी एक आतंकवादी था या नहीं तो वह शून्य में ताकने लगेंगे, सवाल का जवाब देने से बचेंगे और दार्शनिक सा जवाब देंगे। लेकिन देश के नेतृत्व की देशभक्ति पर वह सवाल जरूर उठाएंगे। किश्तवाड़ में उन्होंने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा हम भारतीय पहले हैं और बाद में कुछ और हैं।