लखनऊ, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के अधीन लम्बित मुकदमों व उनके अभियोजन की अर्धवार्षिक समीक्षा बैठक म रेडियो मुख्यालय स्थित सभागार में आयोजित हुई। पुलिस महानिदेशक अभियोजन डाॅ. सूर्य कुमार ने अर्धवार्षिक समीक्षा बैठक में कहा कि समाज के दलित व शोषित वर्ग को अधिक से अधिक न्याय दिलाया जा सके और इसके लिये सामाजिक समरसता का बनाये रखना आवश्यक है अन्यथा समाज की विघटनकारी शक्तियां समाज के सौहार्द पूर्ण माहौल को बिगाड़ेगी और समाज का दलित व शोषित वर्ग न्याय से वंचित हो जायेगा। उन्होंने कहा कि हम सभी का कर्तव्य है कि अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक हो कर कठोर परिश्रम कर अभियोगों की पैरवी सुनिश्चित करें ताकि निश्चित रूप से अपराधियों को सजा हो सके।
जब अपराधियों को अधिक से अधिक सजा मिलेगी और अपराधी जेल में होंगे तो निश्चित रूप से समाज में शान्ति व्यवस्था कायम होगी। पुलिस महानिदेशक अभियोजन के भाषण के बाद समीक्षा बैठक आगे बढ़ी तो प्रदेश के सभी जनपदों के न्यायालयों से निर्णीत होने वाले अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के 1250 मामलों की समीक्षा, 44 मामलें आजीवन कारावास से दण्डित कराये जाने, 33 मामले में दस वर्ष से अधिक के कारावास, 354 मामलों में दस वर्ष से कम की सजा सहित 431 अपराधियों को सजा करा कर जेल भेजवाने और 64 असंगत दोषमुक्ति व 360 गवाहों के खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई पर सभागार में मौजूद अधिकारियों के समक्ष चर्चा हुई। कार्यक्रम के दौरान उपकृनिदेशक जी.राम, अपर पुलिस महानिदेशक विशेष जांच चन्द्र प्रकाश, एडी विधि अभियोजन निदेशाालय बी.पी.श्रीवास्तव सहित अलग अलग स्थानों से आये हुये अभियोजन अधिकारीगण मौजूद रहे।