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अब पूरे देश में एक ही एमआरपी पर बिकेगा पेप्‍सी का बोतल बंद पानी-रामविलास पासवान

नई दिल्ली,  खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने आज कहा कि पेप्सी का बोतलबंद पानी एक्वाफिना देश भर में एक ही अधिकतम खुदरा बिक्री मूल्य  पर उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि क्रिकेट संघ बीसीसीआई इस बात को सुनिश्चित करेगा कि उसके सभी क्रिकेट स्टेडियम में बोतलबंद पानी एक ही एमआरपी पर बेचा जाये। खाद्य मंत्रालय पैकेटबंद खाद्य एवं पेय पदार्थों को एक एमआरपी पर बेचने पर जोर दे रहा है। यही वजह है कि पेप्सी अपने बोतल बंद मिनरल वाटर को पूरे देश में एक ही एमआरपी पर बेचने का वादा कर रहा है।

पासवान ने कहा कि किसी भी उत्पाद के दो एमआरपी होने पर कानून के तहत कार्रवाई की जा सकती है और उपभोक्ता अदालतें पहले से इस पर कार्रवाई कर रही हैं। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, दो एमआरपी होना कानून के खिलाफ है। हमें एक सफलता मिली है। पेप्सी ने कहा है कि वह एक्वाफिना बोतल बंद पानी को देश भर में एक दाम  पर बेचेगी। बीसीसीआई ने भी निर्देश दिया है कि उसके क्रिकेट स्टेडियमों में सभी बोतलबंद पानी एमआरपी पर ही बेचा जायेगा।

पासवान ने कहा कि बीसीसीआई के सचिव ने भी एक परिपत्र जारी किया है कि बोतलबंद पानी को एमआरपी से अधिक कीमत पर नहीं बेचा जायेगा। उन्होंने कहा कि दोहरे एमआरपी के खिलाफ मंत्रालय के प्रयासों से सफलता मिलनी शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि दो प्रकार के एमआरपी वसूलने के अनुचित व्यापार व्यवहार से निपटने के लिए मौजूदा कानून में पर्याप्त प्रावधान हैं और उन्होंने उपभोक्ताओं से शिकायतों को दर्ज कराने के लिए कहा है। पिछले महीने उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने विभिन्न स्थानों पर पानी की बोतलों के लिए अलग अलग एमआरपी वसूलने के लिए कंपनियों से स्पष्टीकरण मांगा था।

मंत्रालय ने निर्देश दिया था कि हवाईअड्डों, होटलों और मॉल में बिक्री मूल्य एकसमान होना चाहिये। पासवान ने ट्वीट किया, मिनरल वाटर की बोतल हवाईअड्डों, होटलों और मॉल में एक हीमूल्य पर उपलब्ध होगी। पिछले वर्ष अक्तूबर में उन्होंने कहा कि हवाईअड्डों, मल्टीप्लेक्सों और होटलों में पैकटबंद पानी और शीतलपेय की बिक्री एमआरपी से अधिक दर पर करने पर जुर्माना और जेल जैसी कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी। पासवान ने कहा, एमआरपी से अधिक मूल्य लेना कानून का उल्लंघन है। लेकिन हम अभी भी देखते हैं कि पैकबंद पानी एमआरपी से अधिक दर पर बेचा जा रहा है। इसेॉ रोके जाने की आवश्यकता है।