Breaking News

उपचुनाव में सभी सीटें हारने के बाद क्यों नहीं दिया जयराम ने इस्तीफा: कांग्रेस

शिमला,  कांग्रेस नेता एवं मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल ब्राक्टा तथा किशोरी लाल ने कहा है कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर में जरा सी भी नैतिकता होती तो सत्ता में रहते उपचुनाव में चारों सीटें हारने के तुरंत बाद इस्तीफ़ा दे देते।

दोनों ने कहा कि जयराम ठाकुर ने सत्ता में रहते सभी चार सीटें हारने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है और तभी उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफ़ा दे देना चाहिए था, लेकिन वह कुर्सी से चिपके रहे। उन्होंने कहा कि जब अक्तूबर, 2021 में भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता में रहते हुए प्रदेश में मण्डी लोकसभा सीट के साथ-साथ अर्की, जुब्बल-कोटखाई तथा फतेहपुर विधानसभा सीटों के उपचुनाव हारे, तो पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की नैतिकता कहां थी पूर्व मुख्यमंत्री की कथनी और करनी में जमीन- आसमान का अंतर है तथा वे सत्ता के लोभ में किसी भी स्तर तक गिर सकते हैं।

सर्वश्री ब्राक्टा तथा लाल ने कहा कि  जयराम ठाकुर हवा-हवाई बातें करते हैं तथा उनमें नैतिकता नाम की कोई भी चीज नहीं है तथा वे हमेशा ही लोगों को गुमराह करने में लगे रहते हैं तथा सिर्फ सत्ता के लोभी हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता लाने का प्रयास

जयराम ठाकुर के लोभ का नतीजा है। धनबल के माध्यम से भाजपा ने जनादेश की ख़रीद-फरोख्त करने का प्रयास किया, जिसे हिमाचल प्रदेश की जनता कभी भी स्वीकार नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा की जन विरोधी नीतियों के कारण ही प्रदेश के मतदाताओं ने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में उसे सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया था, लेकिन भाजपा नेता इस जनादेश को स्वीकार नहीं कर पाए। इसीलिए भाजपा ने पैसों के दम पर जनादेश को ख़रीदने का प्रयास किया है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह के नेतृत्व में वर्तमान कांग्रेस सरकार ने मात्र सवा साल के कार्यकाल में अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। जिनका एकमात्र उद्देश्य हिमाचल प्रदेश का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करना है ताकि समाज के प्रत्येक वर्ग के कल्याण को सके। आज राज्य सरकार की इसी सोच और मेहनत का लाभ आम आदमी को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के लिए प्रदेश के लोगों का हित सर्वाेपरि है तथा दिन-रात प्रदेश के विकास के लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है।