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ओलंपिक में निर्णायक होगी टीमों की मानसिक स्थिति : रोलैंट ओल्टमंस

नयी दिल्ली, भारतीय पुरुष हॉकी टीम के पूर्व मुख्य कोच रोलैंट ओल्टमंस का मानना ​​है कि भारतीय हॉकी टीम टोक्यो ओलंपिक खेलों 2020 में पदक के सबसे मजबूत दावेदारों में से एक होगी । उन्होंने यह भी कहा है कि टोक्यो में किसी भी टीम की सफलता के लिए उसकी मानसिक दृढ़ता एक निर्णायक कारक होगी।

रोलैंट ने बुधवार को ओलंपिक खेलों से पहले हॉकी इंडिया की ओर से शुरू की गई एक पॉडकास्ट श्रृंखला ‘ हॉकी ते चर्चा ’ के दौरान कहा, “ मेरे लिए भारतीय पुरुष हॉकी टीम टोक्यो में पदक जीतने वाले शीर्ष पांच दावेदारों में से एक है। टीम ने पिछले दो वर्षों में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में अच्छी निरंतरता दिखाई है। भारत पहले ही दिखा चुका है कि वह ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम और नीदरलैंड जैसी टीमों को हरा सकता है, हालांकि ओलंपिक में ऐसा करना अलग बात होगी। जब आप इस तरह के टूर्नामेंट को जीतने की कोशिश कर रहे होते हैं तो टीम की मानसिकता निर्णायक कारक होती है। अगर आप किसी खेल में पीछे हैं या आगे होने पर अति उत्साहित हैं तो आप घबरा नहीं सकते। आपको हर स्थिति पर नियंत्रण रखना होगा। ”

ओल्टमंस का मानना है कि टोक्यो में मौसम की स्थिति ओलंपिक खेलों में एक और महत्वपूर्ण कारक होगी, क्योंकि इस दौरान टोक्यो में आर्द्रता अधिक होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, “ शारीरिक फिटनेस के मामले में दुनिया की सभी शीर्ष टीमें समान स्तर पर हैं, इसलिए किसी भी टीम को सीधा लाभ नहीं है, लेकिन मौसम की स्थिति भारत के लिए अधिक अनुकूल होगी, क्योंकि भारतीय खिलाड़ी उस प्रकार के वातावरण में खेलना जानते हैं। यूरोपीय टीमों के लिए मौसम यकीनन प्रतिकूल होगा और उन्हें इसके साथ तालमेल बैठाना होगा। ”

उल्लेखनीय है कि रोलैंट की कोचिंग में भारतीय पुरुष हॉकी टीम रियो ओलंपिक 2016 के क्वार्टर फाइनल चरण तक पहुंची थी। उनका मानना है कि टीम ने तब से प्रगति की है और हॉकी इंडिया की ओर से शुरू की गई विकास प्रक्रिया प्रशंसनीय की है।

इस पर उन्होंने कहा, “ 2013 में हॉकी इंडिया का उच्च प्रदर्शन निदेशक और फिर 2015 में पुरुष टीम का मुख्य कोच बनने के बाद से मेरा मुख्य उद्देश्य हमेशा टीम को टोक्यो ओलंपिक में मेडल सुनिश्चित करने के लिए तैयार करना था। भारत ने इस संबंध में विश्व भर में अपने स्थान के साथ प्रगति की है और हॉकी इंडिया ने अपने पेशेवर सेटअप के माध्यम से इसे मुमकिन करने के लिए माहौल बनाया है। बेशक आपको एक अच्छी विकास योजना की जरूरत होती है, लेकिन किसी योजना को क्रियान्वित करने के लिए आपको संसाधनों की भी जरूरत होती है। हॉकी इंडिया और भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) ने भारत में हॉकी के विकास के लिए इस योजना को बनाने और क्रियान्वित करने में एक बड़ी भूमिका निभाई है। ”