कार्यकर्ताओं के प्रेम मे, भोले शंकर की तरह जहर पी गये अखिलेश यादव
December 7, 2017
लखनऊ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की यह फोटो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुयी, इस पर लोग प्रतिक्रिया देने से अपने को नही रोक पाये। सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही तरह के कमेंट्स का ढेर लग गया। हालांकि सकारात्मक कमेंट्स की संख्या अधिक थी।
प्लास्टिक के गिलास मे गरम चाय जहर की तरह ही होती है। लोगों ने इसको लेकर अखिलेश यादव पर नकारात्मक टिप्पणी की। वहीं ज्यादातर लोगों को अखिलेश यादव की यह सादगी भाई और उन्होने खुले दिल से अखिलेश यादव की सरलता की तारीफ की।
दरअसल, गुजरात विधान सभा के चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष मे जन सभा करने के लिये अखिलेश यादव तीन दिवसीय दौरे पर गुजरात गये।अखिलेश चार दिसंबर से गुजरात के दौरे पर हैं। उन्होने अपने प्रत्याशियों के समर्थन में वहां कई जनसभाओं को संबोधित किया। समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष मे प्रचार के दौरान प्लास्टिक के गिलास मे चाय पीते हुये यह तस्वीर उन्होने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर कीं हैं।
वैसे आज हकीकत यह है कि प्लास्टिक के गिलास मे अगर वार्ड या पंचायत के नेता को भी चाय आफर कर दी जाये तो नेताजी देखते ही आग बबूला हो जायेंगे।लेकिन यह समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सादगी और पार्टी कार्यकर्ताओं और अपने समर्थकों के प्रति उनका स्नेह है कि प्रेम से प्लास्टिक के गिलास मे दी गयी चाय पीने से भी उन्हे कोई गुरेज नही।
एेसा नही है कि प्लास्टिक के दुष्प्रभावों को लेकर अखिलेश यादव जागरूक नही हैं। लेकिन स्वयं लोगों को प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के प्रति सचेत करने वाले तथा पर्यावरण के प्रति हमेशा जागरूक रहने वाले अखिलेश यादव ने अपनी काबिलियत को प्लास्टिक के गिलास मे चाय देने वाले कार्यकर्ताओं और अपने समर्थकों को नही बताया। बल्कि उनके प्रेम मे उन्होने भोले शंकर की तरह चुपचाप जहर का घूंट पी लिया।
इसकी तुलना भगवान राम को दिये गये शबरी के बेरों से की जाये तो भी गलत नही होगा। भगवान राम जानते थे कि ये शबरी के जूठे बेर हैं। पर वह अपने प्रति उसके प्रेम को देखकर जूठे बेर खाने से अपने को नही रोक पाये।क्योंकि राम जानते थे कि शबरी मुझे मीठे बेर खिलाने के कारण बेर को चखकर मुझे दे रही है। वह जानबूझकर मुझे जूठे बेर नही खिला रही है। इसी तरह अखिलेश यादव को कार्यकर्ता का प्रेम नजर आया, उन्होने प्लास्टिक के गिलास के जहर को नजर अंदाज कर दिया।
शायद यही वह कारण है कि यूपी के विधानसभा चुनाव मे हार के बाद भी अखिलेश यादव की लोकप्रियता बढ़ रही है, खासकर युवाओं मे आज अखिलेश यादव को लेकर जितना क्रेज है उतना अन्य किसी राजनेता के लिये नही दिखता है।