इलेक्शन स्ट्रैटजिस्ट प्रशांत किशोर ही पीके के नाम से जाने जाते है। प्रशांत किशोर यूपी के बलिया जिले के रहने वाले हैं। प्रशांत किशोर नेता और पार्टियों के लिए स्ट्रैटजी प्लान करते हैं। 37 साल के प्रशांत किशोर यूनाइटेड नेशन्स के हेल्थ वर्कर रहे हैं। लेकिन 2011 में वे भारत लौटे और राजनीतिक पार्टियों के इलेक्शन कैम्पेन और रणनीति बनाने को लेकर काम करने लगे। वे नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के बाद कांग्रेस के इलेक्शन स्ट्रैटजिस्ट बने हैं। उन्होंने बीजेपी और नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर गुजरात में कैम्पेन शुरू किया। 2012 में उन्होंने गुजरात असेंबली इलेक्शन में नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए कैम्पेन की कमान अपने हाथों में ली। उस दौर में प्रशांत मोदी के साथ गुजरात के सीएम हाउस में रहते थे।अमेरिकी प्रेसिडेंट इलेक्शन की तर्ज पर लोकसभा इलेक्शन को पर्सन सेंटर्ड बनाने का क्रेडिट भी उन्हें दिया जाएगा। बिहार चुनाव मे जेडीयू को भारी सफलता दिलाने का क्रेडिट प्रशांत किशोर को जाता है।
यूपी मे कांग्रेस के इलेक्शन स्ट्रैटजिस्ट बने प्रशांत किशोर ने यूपी कांग्रेस नेताओं की मीटिंग ली है। सभी सिटी चीफ को थमाया 20 पेज का प्रोफॉर्मा, मांगे 20-20 नाम
– मीटिंग के दौरान प्रशांत ने पार्टी के सभी सिटी चीफ को 20-20 पेज का प्रोफॉर्मा दिया।
– प्रोफॉर्मा में पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए अपनाए जा सकने वाले तरीके बताए गए हैं।
– हर कॉन्स्टिट्यून्सी के लोगों की परेशानियों और मुद्दों की जानकारी मांगी गई है।
– 20-20 यंग लीडर्स के नाम मांगे गए हैं, जो सोशल मीडिया पर एक्टिव हो सकें।
प्रशांत किशोर नेता और पार्टियों के लिए स्ट्रैटजी प्लान करते हैं। 300 लोगों की एक टीम प्रशांत के साथ काम करती है, जिसमें आईआईटी और आईआईएम के पासआउट प्रोफेशनल हैं। उनकी टीम रिसर्च करती है और सोशल कैम्पेन के साथ ही बड़े नेता के लिए फैक्टफुल और इमोशनल स्पीच तैयार करती है। रिसर्च के जरिए उन मुद्दों की पहचान करते हैं, जो नेता और पार्टी को फायदा पहुंचा सके। चाय पर चर्चा, स्लोगन, भारत में पहली बार डिजिटल रैलियां और एक साथ कई रैलियां करना मुख्य है।