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क्रिकेट भेदभाव को जन्म देता है, लेकिन कुश्ती अनुशासन सिखाती है

ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले पहलवान योगेश्वर दत्त ने कहा है कि क्रिकेट भेदभाव को जन्म देता है, लेकिन कुश्ती अनुशासन सिखाती है। उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा में कुश्ती को अधिक महत्व दिया जाता है। इसलिए वहां से पहलवान अभी भी निकल कर देश का नाम रोशन कर रहे हैं। यूपी में भी इसे इसी तरह बढ़ावा मिलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब फिर से गांव-गांव में पहलवानी दिखने लगेगी। योगेश्वर दत्त ने कहा कि यूपी में भी अब कुश्ती जीवित हो रही है। कछवां जैसे छोटे से स्थान पर इतने बड़े आयोजन का होना इसका प्रमाण है। इसी तरह के आयोजन पहलवानों का उत्साह बढ़ा सकते हैं।
पहलवान योगेश्वर दत्त ने कहा कि भारत के लिए ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतना मेरा सपना है। इसके लिए अपने आप को तैयार कर रहा हूं। भविष्य में इसे हासिल करके ही दम लूंगा। पहलवान योगेश्वर दत्त सत्यनारायण सिंह खेल संस्थान में आयोजित राष्ट्रीय कुश्ती दंगल में शामिल होने के बाद पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे।