खुशखबरी,इतने रुपये कमाने वालों को नहीं देना होगा टैक्स…
March 29, 2019
नई दिल्ली,आम जनता को बड़ी राहत मिली है.अगर आप सालाना 5 लाख रुपये तक कमाते है तो आपको इनकम टैक्स नहीं देना होगा. लेकिन आपको इनकम टैक्स रिटर्न जरूर फाइल करना होगा, क्योंकि अपनी आमदनी की जानकारी देने के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना ही होता है.
एक्सपर्ट्स कहते हैं एक अप्रैल यानी नए वित्त वर्ष 2019-20 में अगर आपकी इनकम सालाना 5 लाख रुपये या इससे कम है तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा. आप सभी छूट का लाभ उठाने के बाद आमदनी के हिसाब से 5-10 लाख रुपए के स्लैब में आते हैं, तो आपको 20 फीसदी टैक्स के साथ 4 फीसदी सेस बतौर इनकम टैक्स भरना होगा.
टैक्स एक्सपर्ट शरद कोहली बताते हैं कि बजट में पेश प्रस्ताव के मुताबिक, आयकर की धारा 87ए के तहत रिबेट को बढ़ाकर 12,500 रुपये कर दिया गया है. इससे पहले 3.5 लाख रुपये तक की सालाना आय पर इस सेक्शन के तहत 2.5 हजार रुपये की छूट मिलती थी. अगर आसान शब्दों में समझें तो सेक्शन 87A के तहत मौजूदा बेनेफिट को बढ़ा दिया गया है. अब तक साल में 3.5 लाख रुपये तक कमाने वालों को 2,500 रुपये की टैक्स छूट मिलती थी. इस बार के प्रस्ताव में इसे बढ़ाकर 12,500 रुपये कर दिया गया है और इस छूट को पाने की सीमा 5 लाख रुपये तक की कमाई को कर दिया गया है. इस लिहाज से 5 लाख रुपये तक की आमदनी वालों को टैक्स नहीं देना होगा.
टैक्स एक्सपर्ट के मुताबिक, आपके लिए टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी है. ऐसे सभी लोग जिनकी सालाना आय 2.5 लाख रुपये की छूट सीमा से ज्यादा है, उनके लिए रिटर्न भरना जरूरी है. इसका मतलब है कि एक अप्रैल से शुरू हो रहे वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान टैक्स छूट का फायदा उठाने के लिए पहले आपको अपनी सालाना आय घोषित करनी होगी. इसके लिए आपको इनकम टैक्स रिटर्न भरना होगा.
एक्सपर्टस के मुताबिक, ज्यादा कमाई करने वालों के लिए एकमात्र फायदा यह है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन को 10 हजार रुपये बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया है. इससे वेतनभोगी करदाताओं का सालाना टैक्स 3000 रुपये घट जाएगा. एक्सपर्ट्स ने इस कदम का स्वागत इस वजह से किया है कि ट्रांसपोर्ट अलाउंस और मेडिकल रीइंबर्समेंट पर टैक्स इग्जेंप्शन खत्म कर पिछले साल स्टैंडर्ड डिडक्शन का असर खत्म कर दिया गया था. शरद कोहली बताते हैं कि स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर 50 हजार रुपये करने से यह बेनिफिट ज्यादा बेहतर है. इस कदम से 80-90 फीसदी वेतनभोगी करदाताओं को फायदा होगा.
60 साल से ऊपर के सीनियर सिटीजंस और 80 साल से ऊपर के बहुत सीनियर सिटीजंस के लिए कुछ खास नहीं है. अंतरिम बजट से पहले के बजट में सीनियर सिटीजंस के लिए टीडीएस थ्रेशोल्ड बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया गया था. साथ ही, 80 साल से ऊपर के बुजुर्गों के लिए 5 लाख रुपये की बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट है. लिहाजा ताजा प्रस्तावों से उन पर कोई असर नहीं पड़ेगा.