जौनपुर, उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में शनिवार को यौमें आशूरा गमगीन माहौल में मनाया गया। अजादारों ने अपने अपने अज़ाखानों में रखे ताजियों को स्थानीय कर्बला बेगमगंज में सुपुर्द- ए -खाक कर दिया।
इस दौरान शहर में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद दिखी। खास तौर पर बेगमगंज के सदर इमामबाड़ा में भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनाती रही। नवी मोहर्रम को नगर के शिया बाहुल इलाके बलुआघाट ,कल्लू इमामबाड़ा, पान दरीबा, पुरानी बाजार, पोस्तीखाना, मुफ्ती मोहल्ला,छोटी लाइन इमामबाड़ा सहित अन्य स्थानों पर अजादारों ने पूरी रात नोहा मातम कर कर्बला के शहीदों को नज़राने अकीदत पेश किया । सुबह फज्र की नमाज के बाद अलविदा नौहा पढ़ कर इमाम हुसैन को रुखसत किया।
गौरतलब है कि 1400 साल पहले दस मोहर्रम को हजरत इमाम हुसैन व उनके 71 साथियों को कर्बला के मैदान में यज़ीदी हुकूमत की फौजों ने तीन दिन का भूखा प्यासा शहीद कर दिया था। यहां तक की मासूम बच्चों पर भी जुल्म करने से फौजी पीछे नहीं रहे इतना ही नहीं छह महीने के बच्चे जनाबे अली असगर को भी प्यासा शहीद कर दिया गया था जिन्हें इमाम हुसैन पानी पिलाने कर्बला के मैदान में ले कर गये थे। यही वजह है कि दसवीं मोहर्रम को यौमें आशूरा मनाया जाता है। रात भर मजलिस मातम के बाद सुबह आमाल लोगो ने अदा किया। शाम को शामे गरीबा की मजलिस इमामबाड़ा में संपन्न हुई।