लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य में स्थापित किये गये गेहूं क्रय केन्द्रों पर किसी भी प्रकार की अव्यवस्था बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह विचार यहां आयोजित खाद्य एवं रसद विभाग के प्रस्तुतिकरण के दौरान व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि गेहूं खरीद योजना के तहत गेहूं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के तय मानकों को मानना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि खरीद केन्द्र के संचालक खरीद एजेन्सी के साथ समन्वय स्थापित करें।उन्होंने कहा कि किसान साफ-सुथरा गेहूं ही क्रय केन्द्रों पर लेकर जाएं, ताकि उन्हें कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। गेहूं खरीद के दौरान यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसान को क्वालिटी के नाम पर अनावश्यक परेशान न किया जाए। यदि ऐसा हो तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने खरीदे गये गेहूं के भण्डारण के लिए गोदामों की कमी होने पर सहकारिता विभाग के तहत उपलब्ध भण्डारण ग्रहों का उपयोग करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने पीडीएस के विषय में कहा कि इसमें व्यापक सुधारों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था के अन्तर्गत खाद्यान्न वितरण की व्यवस्था में अनेक खामियां हैं, जिन्हें तत्काल दूर करने की आवश्यकता है, ताकि वास्तविक लाभार्थियों तक इसका लाभ पहुंचे। उन्होंने कहा कि यदि कोई कोटेदार ठीक से काम नहीं कर रहा है तो उसकी जगह पर नये कोटेदार को चुनकर उसे कोटा आवंटित कर दिया जाए।उन्होंने अधिकारियों को एसडीएम से राशन कोटे की दुकान के निलंबन का अधिकार वापस लेने के निर्देश देते हुए कहा कि यह अधिकार सिर्फ जिलाधिकारी को दिया जाए। उन्होंने खाद्य एवं रसद विभाग में लंबे समय तक एक ही स्थान पर तैनात कार्मिकों की सूची बनाकर उन्हें स्थानान्तरित करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने राज्य स्तर पर तृतीय श्रेणी कार्मिकों के स्थानान्तरण की नीति बनाने के भी निर्देश दिये।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के तहत अन्त्योदय तथा पात्र गृहस्थी श्रेणी के लाभार्थियों को लाभान्वित किया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दो श्रेणियों के तहत पात्रों के चिन्हीकरण/चुनाव में बड़े पैमाने पर गड़बडियां हुई हैं। यह जानकारी मिलने पर कि अभी काफी बड़ी संख्या में अन्त्योदय कार्डों का वितरण नहीं हुआ है, उन्होंने कहा कि इस बात का पता लगाया जाए कि उनके हिस्से के आवंटित खाद्यान्न की उठान हो रही है। यदि हां तो वह कहां जा रहा है। उन्होंने पिछले खाद्यान्न घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि आवश्यकता पडने पर इसकी फिर से जांच करायी जाएगी। मुख्यमंत्री ने बीपीएल परिवारों का नया सर्वे करवाने के निर्देश दिये, जिससे वास्तविक और जरूरतमन्द परिवारों का पता लगाकर उनकी सूची बनायी जा सके और उन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के तहत लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस बात का प्रयास हो कि सभी अन्त्योदय परिवारों का पता लगाकर उन्हें लाभान्वित किया जाए। उन्होंने नये अन्त्योदय कार्ड के डिजाइन के विषय में भी जानकारी प्राप्त करते हुए इसके संबंध में पूरी जानकारी प्रस्तुत की जाए।
मुख्यमंत्री ने पीडीएस के तहत उपलब्ध कराये जा रहे केरोसीन वितरण के संबन्ध में कहा कि जिन परिवारों के पास गैस/विद्युत कनेक्शन मौजूद हैं उन्हें केरोसीन की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे परिवारों का पता लगाकर उन्हें इसकी आपूर्ति बन्द की जाए, क्योंकि एक लीटर केरोसीन पर भारत सरकार को 20 से 25 रुपये की सब्सिडी देनी होती है। उन्होंने कहा कि हर हाल में इसका दुरुपयोग रोका जाए। प्रस्तुतिकरण के दौरान मुख्यमंत्री को पीडीएस के संबंध में खाद्य एवं रसद विभाग के अधिकारियों द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के मॉडल के अध्ययन की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गयी। उन्होंने कहा कि इस मॉडल का विस्तार से अध्ययन कर प्रदेश की व्यवस्था का सुधार समयबद्ध रूप से किया जाए। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को बिहार राज्य में खाद्यान्न वितरण के लिए अपनाये गये कूपन सिस्टम के विषय में भी बताया गया। उन्होंने खाद्य विभाग के अधिकारियों को इस विषय में पूरी जानकारी जुटाने के निर्देश दिये। अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री को ई-प्रोक्योरमेण्ट सॉफ्टवेयर के विषय में भी बताया गया। बैठक में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित मंत्रिमण्डल के सदस्यगण तथा वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।