गोधरा ट्रेन अग्निकांड में अदालत ने सुनायी, आजीवन कारावास की सजा

अहमदाबाद,  गुजरात में एसआईटी की एक विशेष अदालत ने 2002 गोधरा ट्रेन अग्निकांड में बुधवार को एक व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनायी। विशेष एसआईटी न्यायाधीश एच सी वोरा की अदालत ने मामले में पांच अन्य आरोपियों की गवाही के आधार पर पटालिया को दोषी ठहराया ।

गोधरा पुलिस ने घटना के करीब 16 साल बाद पटालिया को जनवरी 2018 में गिरफ्तार किया था। यहां साबरमती केंद्रीय जेल में लगी विशेष अदालत में उसपर मुकदमा चला। याकूब पर उस भीड़ का हिस्सा होने का आरोप है, जिसने 27 फरवरी 2002 को गोधरा रेलवे स्टेशन के पास साबरमती एक्सप्रेस के डिब्बों में आग लगा दी थी। इस घटना में 59 कार सेवकों की मौत हो गयी थी और इसके बाद राज्य में दंगे भड़क गए थे।
विशेष एसआईटी अदालत ने एक मार्च 2011 को मामले में 31 लोगों को दोषी करार दिया था । बाद में अदालत ने उनमें से 11 को मृत्युदंड दिया और 20 अन्य को मौत की सजा सुनायी।

हालांकि, गुजरात उच्च न्यायालय ने अक्टूबर 2017 में 11 दोषियों की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया जबकि एसआईटी अदालत द्वारा 20 अन्य को सुनायी गयी सजा को बरकरार रखा। विशेष अदालत ने पिछले साल अगस्त में दो लोगों – फारूक भाना और इमरान शेरी को उम्रकैद की सजा सुनायी और तीन अन्य – हुसैन सुलेमान मोहन, कसम भामेडी और फारूक धनतिया को बरी कर दिया था । तीनों को 2011 के बाद गिरफ्तार किया गया था। मामले में आठ आरोपी अब तक फरार हैं ।

Related Articles

Back to top button