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चिकित्सक, स्वास्थ्य सेवाओं को व्यवसायिकता से दूर रख, जन सेवा के रूप में लें-सीएम योगी

गोरखपुर , उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में शहरी क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्र अभी इससे वंचित है जिसके लिए प्रयास किया जा रहा है।

योगी आज यहां एक निजी हास्पिटल में सुपर स्पेशलिस्ट सेवाओं के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि मरीजों की सेवा सबसे बड़ा पुण्य का कार्य हैए जब एक मरीज चिकित्सक के पास जाता है तो चिकित्सक उसे ईश्वर का स्वरूप लगता है। इसलिए चिकित्सकों का दायित्व बनता है कि मरीजों को उसी रूप में देखकर उसका उपचार करना चाहिए। उन्होंने शहरी क्षेत्रों में काम करने वाले डाक्टरों से अपील किया कि वे सप्ताह में एक दिन ग्रामीण क्षेत्रों में भी मरीजों का इलाज करें।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा राज्य सरकार का विषय है और इसके लिए प्रदेश सरकार विशेष कदम उठा रही है। सरकार बुनियादी सुविधाएं एवं बेहतर संसाधन दे सकती है लेकिन सेवा चिकित्सकों को देनी होगी। उन्होंने आईएमए गोरखपुर के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि आईएमए के 200 चिकित्सक सीतापुर आई हास्पिटल में अपनी निरूशुल्क सेवाएं दे रहे हैं जो बधाई के पात्र हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गोरखपुर जैसे अन्य आइएमए संगठनों को इसके लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने एचिकित्सकों से अपील की कि स्वास्थ्य सेवाओं को व्यवसायिकता से दूर रखकर जन सेवा के रूप में लें, इसमें व्यवसायिकता को कभी न जोडे। दूर दूरदराज से आने वाले असहाय एंव गरीब मरीजों के उपचार में कोताही न बरतें।

उन्होंने इस अवसर पर रामायण के उस प्रसंग को याद दिलाया कि लक्ष्मण को युद्ध के दौरान प्राण घातक चोट लगने पर रावण के चिकित्सक वैद्य सुषेन को बुलाया गया और उसने चिकित्सक का दायित्व निभाते हुए प्राथमिक उपचार किया और लक्ष्मण के प्राण रक्षा के लिए संजीवनी बूटी लाने का सुझाव दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनते ही देश में छह एम्स बनाने का काम शुरू कराया गया और 10 एम्स बनाने की स्वीकृति प्रदान की जिसमें गोरखपुर का एम्स भी शामिल है जो तीन वर्ष के भीतर चालू हो जायेगा।