जानिये, अखिलेश यादव के तीन प्रदेशों के अध्यक्ष बदलने के राजनैतिक अर्थ

लखऩऊ,  समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बड़ा कदम उठाते हुये समाजवादी पार्टी के तीन प्रदेश अध्यक्ष बदल दिये हैं। एेसा पहली बार देखने को मिला है कि यूपी से बाहर भी समाजवादी पार्टी के विस्तार के लिये कोई गंभीर प्रयास किया हो। अखिलेश यादव ने जहां झारखंड, उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष बदले हैं वहीं राजस्थान मे लंबे समय से खाली चल रहे प्रदेश अध्यक्ष के पद पर फिलहाल किसी को नियुक्त नही किया है लेकिन कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष बनाकर राजस्थान मे मृत पड़े संगठन मे जान फूंकने की कोशिश की है।

झारखंड मे, समाजवादी पार्टी  के प्रदेश अध्यक्ष पद पर मेराज खां कार्य कर रहे थे। मेराज खां को शिवपाल सिंह यादव का करीबी माना जाता है। अखिलेश यादव ने  झारखंड मे मेराज खां को हटाकर केश्वर यादव उर्फ रंजन यादव को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है। झारखंड मे, लोकसभा के साथ ही 2019 मे विधानसभा चुनाव होने हैं। इसी तरह, उत्तराखंड मे भी डॉ सत्य नारायण सचान प्रदेश अध्यक्ष पद पर कार्य कर रहे थे। उन्हे समाजवादी पार्टी  के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का आशीर्वाद प्राप्त था।  वहां पर भी अखिलेश यादव ने डॉ सत्य नारायण सचान की जगह कुलदीप सिंह रावत को प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत कर दिया है। राजस्थान मे लंबे समय से प्रदेश अध्यक्ष का पद खाली चल रहा था। यहां पर अखिलेश यादव ने मुकेश यादव को कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किया  है। राजस्थान मे अगले साल 2018 मे चुनाव होने हैं।

इसीके साथ समाजवादी पार्टी मे ऐसे लोगों को चिन्हित किया जा रहा है जो पार्टी संगठन को मजबूत बनाने के लिए कार्य कर सकें। अखिलेश यादव ने अब युवा संगठनों सहित सभी फ्रंटल संगठनों और जिला, शहर इकाइयों को भी सक्रिय बनाने की कार्य योजना पर भी कार्य करना शुरू कर दिया है। 15 अप्रैल से समाजवादी पार्टी  सदस्यता भर्ती की तैयारी भी जोर-शोर से की जा रही है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव ने अखिलेश यादव के राजनैतिक कैरियर पर प्रश्न चिह्न लगा दिया है। कल तक उन्हे , 2019 मे प्रधानमंत्री पद का दावेदार बताने वाले अब उन्हे, 2022 मे दोबारा यूपी का मुख्यमंत्री बनने पर भी शंका जता रहे हैं। एेसी स्थिति मे यह आवश्यक हो जाता है कि अखिलेश यादव अपनी हार से सबक लेते हुये फिर से समाजवादी पार्टी और कार्यकर्ताओं को सक्रिय करें। तीन राज्यों मे प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति भी अखिलेश यादव के समाजवादी पार्टी के यूपी से बाहर विस्तार की दिशा मे गंभीर प्रयास हैं। इसलिये अखिलेश यादव का यह परम कर्तव्य होगा कि यूपी के होने वाले नगर निकायों के चुनाव, लोकसभा उपचुनाव और 2019 मे होने वाले लोकसभा आम चुनावों के साथ ही अन्य राज्यों मे भी होने वाले विधानसभा चुनावों मे, समाजवादी पार्टी  शानदार प्रदर्शन कर अपनी खोयी प्रतिष्ठा प्राप्त करें।

 

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