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जेल में बंद पूर्व सांसद अतीक अहमद के बारे मे, यूपी सरकार ने किया बड़ा खुलासा

नयी दिल्ली, उत्तर प्रदेश सरकार ने  उच्चतम न्यायालय को बताया कि देवरिया जेल में बंद पूर्व सांसद अतीक अहमद ने पिछले साल 26 दिसंबर को एक कारोबारी का अपहरण कर उसकी पिटाई की थी। राज्य सरकार ने इस घटना की पुष्टि करते हुये कहा कि जेल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों के साथ उस वक्त छेड़छाड़ की गयी थी।

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प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि उप्र सरकार द्वारा पेश रिपोर्ट पर 23 अप्रैल को विचार किया जायेगा। इस मामले में न्याय मित्र की भूमिका निभा रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसारिया के माध्यम से पेश इस रिपोर्ट में राज्य सरकार ने कहा है कि जेल के पांच अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गयी है। हंसारिया ने पीठ से कहा कि पूर्व सांसद से मुलाकात के लिये आगंतुकों के संबंध में जेल के नियमों में ढील दी गयी थी। उन्होंने कहा कि अहमद के खिलाफ 1979 से 2019 के दौरान हत्या के 17, उप्र गैंगस्टर एक्ट के तहत 12, शस्त्र कानून के तहत आठ और उप्र गुण्डा एक्ट के सहित चार मामलों सहित 109 मामले दर्ज हैं।

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हंसारिया ने कहा कि अहमद के खिलाफ 2015 से 2019 के दौरान दर्ज आठ मामलों की जांच लंबित है और इनमें दो मामले हत्या के हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य सरकार ने दो समितियां गठित कीं जिसे पहली नजर में अहमद से मुलाकात के लिये मुलाकाती रजिस्टर में कारोबारी मोहित जायसवाल सहित दो व्यक्तियों के नाम मिले। रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति ने जेल अधीक्षक और जेल के अन्य अधिकारियों को कारोबारी से मारपीट का दोषी पाया है। पांच अधिकारियों के खिलाफ विभागयीय कार्यवाही शुरू की गयी है जबकि तीन अन्य व्यक्तियों को निलंबित किया गया है।

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रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इस घटना की खबर मीडिया में आने और कारोबारी द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराये जाने के बाद अहमद को देवरिया जेल से बरेली की जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है और इस घटना में शामिल उसके सहयोगियों को गिरफ्तार करने के प्रयास किये जा रहे हैं। शीर्ष अदालत भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय की उस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें आपराधिक मामलों में दोषी नेताओं पर पूरी उम्र के लिये प्रतिबंध लगाया जाये और निर्वाचित प्रतिनिधियों की संलिप्तता वाले आपराधिक मामलों के मुकदमे की तेजी से सुनवाई के लिये विशेष अदालतें गठित करने का अनुरोध किया गया है।

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रियल एस्टेट डीलर मोहित जायसवाल द्वारा 28 दिसंबर, 2018 को प्राथमिकी दर्ज कराये जाने के बाद उप्र प्रशासन ने हाल ही में देवरिया जेल पर छापा मारा था। इस कारोबारी ने आरोप लगाया है कि लखनऊ से उसका अपहरण करके उसे जेल ले जाया गया जहां बंद इस डान और उसके साथियों ने मारपीट की और उसे अपना कारोबार उनके नाम करने के लिये मजबूर किया। लखनऊ स्थित इस कारोबारी ने आरोप लगाया था कि उसे यातनायें दी गयीं और उसकी पांच फर्मों को जेल में बंद पूर्व सांसद तथा बेटे के नाम हस्तांतरित करने के लिये मजबूर किया था। प्राथमिकी के अनुसार इन फर्मों की कुल संपत्ति 45 करोड़ रुपये है। कारोबारी का यह भी आरोप है कि अहमद ने जायसवाल को छोड़ने से पहले उसकी कार और अन्य सामान भी ले लिया था।

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