लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, नेता जी (मुलायम सिंह) की बात तो हम नहीं टालेंगे लेकिन हमारे साथ जो हुआ उसके बारे में कोई नहीं सोच रहा है। उन्होंने कहा कि वह शिवपाल यादव के विभाग वापस कर देंगे लेकिन उनके अध्यक्ष पद वापस देने की बात कोई नहीं कर रहा है। मुख्यमंत्री ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि वह गायत्री प्रसाद प्रजापति को मंत्रिमण्डल में शामिल करने की नेता जी की बात को नहीं टालेंगे, क्योंकि उनको हटाने का फैसला भी नेता जी का था। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से जिस तरह से हटाया गया, वहबुरा लगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चाचा शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने से मुझे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन टिकट बांटे जाएं तो नेताजी मेरी भी बात सुनें। उन्होंने कहा कि कोई अच्छा व्यक्ति मुख्यमंत्री पद मांगे तो वह भी दे देंगे। अखिलेश ने कहा कि उनकी वजह से परिवार में झगड़ा नहीं हो रहा है। यह झगड़ा सिर्फ इस कुर्सी का है, जिस पर वह बैठे हुए हैं। उन्होंने कहा कि चाचा जानते हैं कि दीपक सिंघल को किसने हटाया। मुख्यमंत्री ने कहा, मैंने नेता जी से साफ तौर पर कह दिया है कि पार्टी और सरकार में कोई बीच का व्यक्ति आता है तो उसे बीच में ही हटा दिया जायेगा। मुख्यमंत्री अखिलेश ने कुछ मंत्रालय शिवपाल से ले लिये थे, जिसके बाद शिवपाल ने मंत्री तथा प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। इसके पहले मुख्यमंत्री को सपा के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर उनके चाचा शिवपाल को अध्यक्ष बना दिया गया था। हालांकि मुख्यमंत्री ने शिवपाल यादव का मंत्री पद से इस्तीफा मंजूर नहीं किया था।