नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ 130 करोड़ देशवासियों के लिए एक मंत्र बन गया है और देश अब इस सपने को चरितार्थ करके रहेगा क्योंकि यह समय की जरूरत बन गया है।
श्री मोदी ने आज यहां 74 वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने दूसरे कार्यकाल में दूसरी बार और लगातार सातवीं बार ध्वजारोहण के बाद देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा , “ आत्मनिर्भर भारत 130 करोड़ देशवासियों के लिए एक मंत्र बन गया है। मुझे विश्वास है कि भारत इस सपने का चरितार्थ करेगा। मुझे अपने देशवासियों की योग्यता और क्षमता पर विश्वास है। जब भारत कुछ ठान लेता है तो वह उसे करके रहता है। ”
उन्होंने कहा कि आत्मविश्वास आत्मनिर्भरता की पहली शर्त है और देश की युवा शक्ति , जन शक्ति और मातृ शक्ति पर उन्हें विश्वास है कि वह इस सपने को पूरा करके रहेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने असाधारण समय में असंभव को संभव किया है। इसी इच्छाशक्ति के साथ प्रत्येक भारतीय को आगे बढ़ना है। वर्ष 2022, हमारी आजादी के 75 वर्ष का पर्व है और इसे हमें बड़े अवसर के रूप में देखना चाहिए।
उन्होंने कहा , “ अगले वर्ष हम अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर जाएंगे। एक बहुत बड़ा पर्व हमारे सामने है और बड़े संकल्प के लिए यह नयी ऊर्जा से भरा नया अवसर भी है। दो वर्षों के लिए हमें संकल्प लेना होगा एक तो जब हम 75 वें वर्ष में प्रवेश करेंगे और दूसरा जब 75 वां वर्ष पूरा होगा तो वह और भी बड़ा अवसर होगा। ”
श्री मोदी ने कहा 21वीं सदी के इस दशक में अब भारत को नई नीति और नई रीति के साथ ही आगे बढ़ना होगा। अब साधारण से काम नहीं चलेगा हमें हर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ होना होगा। उन्होंने कहा , “ हमारी नीति हमारे तरीके , उत्पाद, सब कुछ बेस्ट होना चाहिए, सर्वश्रेष्ठ होना चाहिए। तभी हम एक भारत-श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार कर पाएंगे। बीते वर्ष मैंने यहीं लाल किले से कहा था कि पिछले पाँच साल देश की अपेक्षाओं के लिए थे, और आने वाले पाँच साल देश की आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए होंगे। बीते एक साल में ही देश ने ऐसे अनेकों महत्वपूर्ण फैसले लिए, अनेकों महत्वपूर्ण पड़ाव पार किए। ”
प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भरता की चुनौती छोटी नहीं है और इसकी कसौटी पर खरा उतरने के लिए 130 करोड देशवासियों को मिलकर दिन रात कड़ी मेहनत और त्याग करना होगा। उन्होंने कहा , “ आत्मनिर्भर भारत का मतलब सिर्फ आयात कम करना ही नहीं, हमारी क्षमता, हमारी रचनात्मकाता , हमारे कौशल को भी बढ़ाना है। आज दुनिया की बहुत बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत का रुख कर रही हैं। हमें मेक इन इंडिया के साथ-साथ मेक फोर वर्ल्ड के मंत्र के साथ आगे बढ़ना है । ”
कोरोना महामारी की चुनौती के बीच 130 करोड़ देशवासियों को इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपना सर्वस्व लगाना होगा और उन्हें विश्वास है कि देश इस सपने को पूरा करके दम लेगा।