बरेली, उत्तर प्रदेश में बरेली मंडल से सटी नेपाल सीमा पर पुलिस नकली नोट भारत में लाने वाले तीन लोगों को बीती देर रात गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने खुफिया सूचना मिलने पर सीमावर्ती इलाके में तलाशी अभियान चलाकर इन लोगों को पकड़ा है। इनसे पूछताछ में पता चला है कि ये लोग नेपाल के रास्ते उत्तराखंड, पीलीभीत, बरेली इलाकों में नकली मुद्रा भेजते थे। इस गिरोह की विस्तृत जानकारी जुटाने के लिये तीनों से पूछताछ की जा रही है।
पुलिस को सूचना मिली थी कि शाम ढलते ही नेपाल से भारत सीमा में तमाम लोग नकली करेंसी लेकर आते हैं। इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने गुरुवार देर शाम छापामार कार्यवाही कर जिले के फतेहगंज पश्चिमी इलाके में तीन लोगों को नकली नोटों के साथ हिरासत में लिया। लम्बी पूंछतांछ बाद उनके खिलाफ थाना फतेहगंज पश्चिमी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
आरोपियों के पास से 500 रुपये के 719 नकली नोट बरामद हुये हैं। इंटेलिजेंस एजेंसियों ने भी पूछताछ शुरू कर दी है। एसपी देहात बरेली राजकुमार अग्रवाल ने शुक्रवार सुबह बताया कि फतेहगंज पश्चिमी थाना पुलिस ने पीलीभीत में दयूरिया कलां की शीवा, अलीगंज (बरेली) में ढकिया गांव के पुष्पेंद्र सिंह और पीलीभीत में दयूरिया के शोएब को पकड़ा है। तीनों लोग बाइक से बरेली से दिल्ली की ओर जा रहे थे। पुलिस ने इनकी तलाशी के दौरान बैग में रखे 3,59,500 कीमत के नोट बरामद किए, जो जांच में नकली निकले।
एसपी देहात ने बताया कि पूछताछ में आरोपित पुष्पेंद्र ने बताया कि वह 5 साल से नकली नोटों का काम कर रहा है। अलीगंज का रहने वाला धर्मेंद्र उसे नोट नेपाल से लाकर मुहैया कराता है। इस गिरोह के सरगना के अपराधिक इतिहास की बात सामने आई है। ये लोग नेपाल से नकली नोट लाते थे। नकली नोटों का ज्यादातर इस्तेमाल आरोपित सामान खरीदने में करते थे। जब दुकानदार बचे हुए रुपए वापस करता तो बदले में आरोपित को असली नोट मिल जाता था। एसपी देहात ने बताया कि नकली नोटों को चलाने वाले पूरे गिरोह का पता लगाया जा रहा है।