लखनऊ, काशी, अयोध्या, मथुरा-वृंदावन और विंध्यवासिनी धाम की तर्ज पर सीतापुर में 88 हजार ऋषियों की पावन तपोस्थली नैमिषारण्य अब विकास की राह से जुड़ेगा। शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में ‘श्री नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ के गठन का निर्णय हुआ जिसकी जल्द ही इसकी औपचारिक अधिसूचना जारी की जाएगी।
अधिकृत सूत्रों ने बताया कि नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास योजना का मकसद नैमिषारण्य क्षेत्र के विकास के लिये और पर्यटन तथा संस्कृति विशेष रूप से धार्मिक क्रियाकलापों तथा आध्यात्मिक पर्यटन के लिये अवसंरचनात्मक सुविधाओं का विकास करना है। गठित होने जा रही विकास परिषद का विस्तार सीतापुर/हरदोई के भीतर स्थित नैमिषारण्य क्षेत्र में होगा। नैमिषारण्य के अधीन क्षेत्र में सीतापुर के 36 ग्राम सम्मिलित हैं, जिसका क्षेत्रफल 8511.284 हेक्टेयर है और जिसमें ग्यारह गंतव्य स्थान सम्मिलित है। इसमें से सात गंतव्य स्थान जिला सीतापुर के अधीन आते हैं।
यह कोरोना, नैमिषारण्य, देवगवां, मड़रुवा, जरिगवां, कोलुहा बरेठी और मिश्रिख हैं और चार अवस्थान जिला हरदोई के अधीन आते हैं, जो हर्रैया, नगवा-कोथावां, गिरधरपुर-उमरारी और साखिन-गोपालपुर हैं। सम्पूर्ण परिपथ 209 मील अथवा 84 कोस का है।
विकास परिषद में अरबापुर, सहसामऊ, ठाकुरनगर, लकड़ियामऊ, भिठौली, नरसिंघौली, मधवापुर, नरायनपुर, परसौली, संजराबाद, धरवासपारा कलां, धवरपारा-खुर्द, मिश्रिख, सरायंबीबी, जसरथपुर, करमसेपुर, लेखनापुर, रूपपुर, उत्तरधौना, खरगपुर, कल्ली, लोकनापुर, करखिला, मरेली, तरसावां, लोहंगपुर, बिजानग्रंट, बिनौरा, भानपुर, अटवा, मनिकापुर, लेखनापुर, लक्ष्मणनगर, नैमिषारण्य बाहर नगर क्षेत्र, भैरमपुर और अजीजपुर गांव शामिल किये गये हैं।
उन्होने बताया कि श्री नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद एक निगमित निकाय होगी। जिसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे, जबकि मंत्री पर्यटन विभाग, उपाध्यक्ष होंगे। मुख्यमंत्री द्वारा कार्यपालक उपाध्यक्ष की नियुक्ति भी की जाएगी। प्रमुख सचिव पर्यटन, आवास एवं नगर नियोजन, वित्त, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य, नगर विकास, परिवहन, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, लोक निर्माण, मंडलायुक्त आयुक्त, जिला मजिस्ट्रेट, सीतापुर, मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक, उत्तर प्रदेश और कार्यपालक अधिकारी, नैमिषारण्य नगर पालिका सदस्य/ सह-संयोजक की भूमिका में होंगे।
परिषद का एक मुख्य कार्यपालक अधिकारी होगा, जो राज्य सरकार के विशेष सचिव की श्रेणी या वरिष्ठ अधिकारियों में से राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किया जाएगा। नैमिषारण्य क्षेत्र के विरासत के संरक्षण का ज्ञान, अनुभव, अभिदर्शन तथा निमित्त कृत प्रयासों के ट्रैक अभिलेख वाले ऐसे पांच प्रख्यात व्यक्ति, जो राज्य सरकार के परामर्श से अध्यक्ष द्वारा नामित किए जाएंगे।
परिषद के गठन संबंधी अधिसूचना जारी होने के बाद एक नियोजन तथा विकास समिति गठन भी होगा। नियोजन तथा विकास समिति के अध्यक्ष जिला मजिस्ट्रेट, सीतापुर होंगे जबकि मुख्य कार्यपालक अधिकारी, सदस्य सचिव होंगे और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, सीतापुर, मुख्य विकास अधिकारी, हरदोई, अपर पुलिस अधीक्षक, हरदोई, और कार्यपालक अधिकारी, नैमिषारण्य नगर पालिका शामिल होंगे।