अहमदाबाद, जेल में बंद पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने आज कहा कि पटेलों के अधिकारों की लड़ाई के लिए, पूरी जिंदगी जेल में काट सकता हूं। हार्दिक ने कहा, अगर पटेल समुदाय के अधिकारों की लड़ाई के लिए मुझे पूरी जिंदगी में जेल में रहना पड़े तो भी मुझे कोई परवाह नहीं। मुझे लगता है कि हमें अपनी राजनीतिक समझ में सुधार करने की जरूरत है क्योंकि कुछ लोग हमारे बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। किसी के झूठे दावों की वजह से गुमराह न हों।
हार्दिक ने कहा, हम अपने समुदाय की कीमत पर कोई समझौता नहीं करेगे। मैं नहीं, बल्कि पटेल समुदाय फैसला करेगा कि हमें ईबीसी चाहिए या ओबीसी। हमें यह भी समझने की जरूरत है कि ईबीसी कोटे के तहत क्या प्रावधान हैं। उन्होंने कहा, अगर आप मजबूती के साथ कहते हैं कि ओबीसी ईबीसी से बेहतर है तो हम निश्चित तौर पर ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण की लड़ाई लड़ेंगे। अगर आप महसूस करते हैं कि ईबीसी ठीक है तो हम ईबीसी कोटे को स्वीकार कर लेंगे।
अगड़ी जातियों को आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईबीसी) के तहत 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने के गुजरात सरकार के कदम को स्वीकारने या खारिज करने का फैसला पटेल समुदाय को करना चाहिए।
सूरत की लाजपुर जेल में बंद हार्दिक ने पाटीदार अनामत आंदोलन समिति की सूरत इकाई के संयोजक निखिल सवानी को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा कि पटेल समुदाय को यह फैसला करना चाहिए कि वह ईबीसी के तहत या फिर अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) के तहत आरक्षण चाहता है।
गुजरात सरकार ने अगड़ी जातियों को ईबीसी के तहत 10 फीसदी का आरक्षण प्रदान करने के लिए रविवार को अध्यादेश जारी किया।