इस्लामाबाद, पाकिस्तान के लाहौर उच्च न्यायालय ने देश के निजी चैनलों को पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण के साथ समझौतों की शर्तों पर भारतीय फिल्मों को दिखाने की अनुमति दे दी है। ‘द न्यूज इंटरनेशनल’ की रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने सोमवार को पेमरा के 2002 अध्यादेश को रेखांकित किया, जिसके तहत पाकिस्तानी टेलीविजन चैनल पर भारतीय फिल्मों को दिखाने की अनुमति दी गई थी।
न्यायमूर्ति सैयद मंसूर अली शाह ने यह आदेश लियो कम्युनिकेशन और अन्य चैनलों द्वारा टेलीविजन पर भारतीय सामग्री के प्रसारण पर प्रतिबंध को चुनौती देने के बाद दिया। याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि पेमरा अध्यादेश 2002 के तहत इस अनुमति पर फिल्मों के साथ ही भारतीय सामग्री जैसे नाटकों और अन्य कार्यक्रमों को भी दिखाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि चैनलों को भारतीय ड्रामा/नाटक को दिखाने की अनुमति मिलनी चाहिए, क्यूंकि यह भी ‘मनोरंजन’ की श्रेणी में आते हैं। वहीं, पेमरा ने इस तर्क से इनकार करते हुए कहा है कि उन्हें भारतीय ड्रामा और अन्य कायक्रमों को ‘मनोरंजन’ की श्रेणी में शामिल न किए जाने का स्पष्टीकरण देने के लिए समय चाहिए। उन्होंने कहा कि चैनलों को लाइसेंस की शर्तो के आधार पर भारतीय फिल्मों को दिखाने की अनुमति है। इस मामले पर अदालत 2 मार्च को सुनवाई करेगी।