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पुरानी चीजों से घर सजाने के पांच बेहतरीन उपाय

कांच की सभी चीजें संभाल मांगती हैं, ड्राइंगरूम की सज्जा के लिए रखे आर्टिफेक्ट्स तो और भी ज्यादा। उठाते वक्त तो ध्यान चाहिये ही, डिस्पले के दौरान भी इनको नाजुकमिजाजी के मुताबिक हैंडल करना होता है। वैसे कांच के फ्लावर पॉट, पेंटिंग-फोटो फ्रेम, स्टेच्यू व ओर्नामेंट्स ड्यूरेबल सजावटी आइटम में शुमार होते हैं लेकिन इनकी सतह बेहद संवेदनशील होती है। जरा सी भी स्क्रैच लगी नहीं कि सारे सौंदर्य-शोभा का बंटाधार। इसके अलावा प्रतिकूल मौसम व सफाई के दौरान पड़ने वाले धब्बों से भी इन्हें सुरक्षित रखना होता है। कई बार तो वक्त के साथ अचानक क्रैक उभर आती हैं। इसकी वजह कई बार तो निर्माण प्रक्रिया की खामियां होती हैं, जैसे वीपिंग ग्लास व क्रिजलिंग।

तो कैसे संभालें शीशे की बनी साज-सज्जा की वस्तुएं, जानिये सिलसिलेवार… सही तरीके से लिफ्टिंग कांच की सजावटी चीजों को सबसे ज्यादा खतरा अगर किसी से होता है तो वे हैं उन्हें लापरवाही से उठाने वाले। वह चाहे सफाई के लिए उठाएं या फिर किसी और मकसद से। दरअसल लोग कांच के आर्टपीस को उठाते वक्त स्पाउट या फिर हैंडल के भरोसे रहते हैं जो लिफ्टिंग का गलत ढंग है। कई बार तो फ्लावर पॉट आदि का बेस अलग होकर नीचे रह जाता है और आप के हाथ में ऊपरी हिस्सा।

ऐसी स्थिति से बचने के लिए सही तरीका है दोनों हाथों से पकड़ें, वह भी बेस व ऊपरी किनारे को एक ही बार में। खासकर जिस पीस की पहले ही रिपेयर हो चुकी है, वह तो और भी एहतियात मांगता है। उनको तो तले के नीचे हाथ लगाकर पकड़ना लाजिमी है। पैकिंग में पैडिंग कई बार डिस्प्ले से हटाकर कांच के आर्टपीस को स्टोर में रखना होता है। अगर बगैर किसी पैडिंग के पैकिंग कर दी जाए तो रगड़ लगने व टूटने की संभावना काफी रहती है। साफ्ट क्लाथ, कोरोगेटिड बाक्स या फिर पोलिएस्टर पैडिंग में पीस सुरक्षित रहता है। डिस्पले कुछ आर्टपीस के लिये स्टैंड या हैंगर जरूरी होता है। हार्ड प्लास्टिक या वुडन स्टैंड बेहतर रहता है।

मेटल से बचें क्योंकि सर्फेस पर दबाव डालते हैं जिससे रगड़ या फिर निशान पड़ने की प्रवृत्ति रहती है। हां, बच्चे घर में हैं तो जरा सी हाइट पर ही रखें सफाई सलीके से कांच के आर्टपीस की रोजमर्रा में फेदर डस्टिंग ही पर्याप्त है, जहां जरूरी हो मुलायम पेंट ब्रश से भी धूल हटाई जा सकती है। सप्ताह भर बाद जब धोने हों तो डिशवाशर में भूलकर भी न डालें। दरअसल डिशवाशर का टैंपरेचर एकदम ज्यादा होने का डर रहता है। पेंटेड ग्लास आइटम हार्ड सॉल्यूशन में डालना भी बड़ी गलती होगी।

बस वॉश बेसिन में किसी मोटे कपड़े या कुशन के ऊपर रखकर मुलायम व साफ कपड़े से संभालकर धोएं। सिंपल डिटर्जेंट का ही इस्तेमाल कीजिये । सैंडब्लास्टेड या फ्रोस्टेड ग्लास की आइटम को भी हल्के गर्म पानी में डिटर्जेंट मिले कपड़े से साफ करना कारगर रहता है। टूट ही जाए तो ऐसे संवारें ग्लास आइटम चाहे पेंटेड हों, फोटो हों या फिर एंटीक, टूट जाने पर रिपेयर में अगर तकनीक न बरती जाए तो शक्ल पहले से भी ज्यादा बिगड़ जाती है।

इसलिए महंगी या एंटीक पीस की रिपेयर के लिए किसी प्रोफेशनल कंजर्वेटर की मदद लेना बेहतर होगा। जिन आइटम को खुद रिपेयर करें तो एडहेसिव लगाने से पूर्व दोनों टूटे सिरे सही से मिलाएं, एडहेसिव लगाएं व आसपास फालतू फैल रहा एडहेसिव कपड़े से पौंछ दें। शिकंजे में कसकर रखें व करीब 72 घंटे पीस को न हिलाएं। इसके बाद जुड़े पीस को धूप से बचाकर रखें। साथ ही अंदर बल्ब है तो कम देर जगाना बेहतर है।