लखनऊ, यूपी विधानसभा चुनावों में, ज्यादातर एक्जिट पोल ने त्रिशंकु विधान सभा बनने का अनुमान व्यक्त किया है. एक्जिट पोल ने बीजेपी को सबसे बड़ी पार्टी बनने का अनुमान व्यक्त किया है लेकिन स्पष्ट बहुमत से दूर रहने की संभावना व्यक्त की है. दूसरे नंबर पर सपा-कांग्रेस गठबंधन की संभावना व्यक्त की गई है और तीसरे नंबर पर बसपा के रहने का अनुमान लगाया गया है. एेसी स्थिति मे तीन बड़े दलों मे से कोई दो दल मिलकर ही यूपी मे सरकार बना सकतें हैं नही तो राज्य मे राष्ट्रपति शासन की संभावनाओं को नजर अंदाज नही किया जा सकता है.
इस बीच एक बड़ी खबर यह है कि अखिलेश यादव ने एक इंटरव्यू मे चुनाव के बाद बसपा से गठबंधन की संभावना से इनकार नहीं किया है. बीबीसी हिंदी से बातचीत करने के दौरान अखिलेश यादव ने यह बात कही. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि नतीजों के बाद जरूरत पड़ने पर अखिलेश के प्रस्ताव पर विचार करेंगे.
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीबीसी हिंदी के साथ फ़ेसबुक लाइव में कहा कि 11 मार्च का चुनावी नतीजा उनके पक्ष में आएगा. हालांकि उन्होंने यह भी संकेत दिए कि चुनाव परिणामों मे यदि उन्हें या किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलता है तो राष्ट्रपति शासन की जगह वो मायावती से हाथ मिलाना पसंद करेंगे. अखिलेश यादव से जब यह सवाल किया कि- यूपी में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत न मिलने की स्थिति में समाजवादी पार्टी की रणनीति क्या होगी? तो अखिलेश यादव का कहना था, “हां अगर सरकार के लिए ज़रूरत पड़ेगी तो राष्ट्रपति शासन कोई नहीं चाहेगा. हम नहीं चाहते कि यूपी को बीजेपी रिमोट कंट्रोल से चलाए.”