लखनऊ, श्रमिक को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए श्रम विभाग की ओर छह वर्ष पहले औजार क्रय योजना शुरू की गई थी। उत्तर प्रदेश भवन एवं सन्निर्माझा कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा पंजीकृत निर्माण कर्मकारों की इस योजना के तहत सभी की मदद करनी थी। इस योजना के तहत श्रमिक औजार खरीद सकेंगे और अपने काम को आगे बढ़ाएंगे, हालांकि योजना में सिर्फ एक ही बार श्रमिक को इस योजना का लाभ मिलना था।
इस योजना के तहत मजदूर को पांच हजार रुपये की आर्थिक मदद मिलनी थी। साथ ही मजदूरों के लिए संचालित आवास सहायता योजना की शुरुआत शासन स्तर से 11 जून 2013 को हुई थी। तीन साल तक तो योजना चली, लेकिन इस योजना से जिले में किसी भी मजदूर को लाभ नहीं दिया जा सका। ऐसे में योजना पर ताला लगाना ही बेहतर समझा गया। इसके अलावा, पूर्व की सपा सरकार ने श्रमिकों के लिए साइकिल सहायता योजना शुरू की थी।
वर्ष 2013 में शुरू हुई इस योजना में श्रमिकों को साइकिल दी जा रही थी। साइकिल पाने के लिए मजदूरों को श्रम विभाग में अपना रजिस्ट्रेशन कराना था, लेकिन सरकार बदलते ही इस योजना पर भी ब्रेक लग गया। सहायक श्रमायुक्त एसके पाण्डेय का कहना है कि योजनाओं को शासन के निर्देश पर बंद किया गया है। अन्य जो योजनाएं संचालित हैं उनका लाभ श्रमिकों को मिल रहा है।