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मस्जिदों में गोलीबारी, 40 लोगों की हुई मौत…

क्राइस्टचर्च, न्यूजीलैंड में क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों में  गोलीबारी में 40 लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक लोग घायल हो गए। न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने यह जानकारी दी। प्राधिकारियों ने इस संबंध में चार लोगों को हिरासत में लिया है और विस्फोटक उपकरणों को निष्क्रिय किया है। न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री ने ‘‘पूर्व नियोजित’’ इस हमले को ‘‘न्यूजीलैंड के सबसे काले दिनों में से एक’’बताया ।

अर्डर्न ने कहा कि क्राइस्टचर्च में हुआ घटनाक्रम ‘‘हिंसा की असाधारण करतूत’’ को दर्शाता है। उन्होंने स्वीकार किया कि पीड़ितों में कई प्रवासी और शरणार्थी हो सकते हैं। मृतकों के अलावा 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि इसे अब केवल आतंकवादी हमला ही करार दिया जा सकता है। हम जितना जानते हैं, ऐसा लगता है कि यह पूर्व नियोजित था। उन्होंने कहा, ‘‘संदिग्ध वाहनों से जुड़े दो विस्फोटक उपकरण बरामद किए गए हैं और उन्हें निष्क्रिय कर दिया गया है।’’

न्यूजीलैंड पुलिस ने गोलीबारी के संबंध में चार लोगों को हिरासत में लिया है जिनमें एक महिला है। पुलिस ने हिरासत में लिए गए लोगों की विस्तृत जानकारी नहीं दी, लेकिन हमले की जिम्मेदारी लेने वाले एक व्यक्ति ने 74 पृष्ठीय प्रवासी विरोधी घोषणापत्र छोड़ा है जिसमें उसने यह बताया है कि वह कौन है और उसने हमले को क्यों अंजाम दिया। उसने बताया कि वह 28 वर्षीय श्वेत ऑस्ट्रेलियाई है। आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने पुष्टि की कि गिरफ्तार किए गए चार लोगों में एक आस्ट्रेलियाई नागरिक है।

मॉरिसन ने कहा कि क्राइस्टचर्च में ‘‘एक चरमपंथी, दक्षिणपंथी, हिंसक आतंकवादी’’ ने गोलीबारी की। वह आस्ट्रेलिया में जन्मा नागरिक है।
उन्होंने और जानकारी देने से इनकार कर दिया और कहा कि न्यूजीलैंड के प्राधिकारियों के नेतृत्व में जांच की जा रही है। अर्डर्न ने एक संवाददाता सम्मेलन में हमले के संभावित मकसद के तौर पर प्रवासी विरोधी भावना होने का इशारा किया और कहा कि गोलीबारी में प्रभावित कई लोग प्रवासी या शरणार्थी हो सकते हैं। ‘‘उन्होंने न्यूजीलैंड को अपना घर बनाना चुना और यह उनका घर है।’’

पुलिस आयुक्त माइक बुश ने कहा कि पुलिस हिरासत में लिए गए चार लोगों के अलावा किसी अन्य संदिग्ध के बारे में नहीं जानती लेकिन वे इस बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकते। बुश ने कहा, ‘‘स्थानीय पुलिस ने हमलावरों को पकड़ लिया है। हमारे पुलिसकर्मियों ने जिस प्रकार कार्रवाई की, मुझे उन पर गर्व है, लेकिन हमें यह नहीं मान लेना चाहिए कि खतरा समाप्त हो गया है।’’  उन्होंने बताया कि रक्षाबल ने हमलों के बाद रोके गए वाहनों से जुड़े कई आईईडी निष्क्रिय किए हैं।

मस्जिद अल नूर में हमला स्थानीय समयानुसार दोपहर पौने दो बजे हुआ। अर्डर्न ने बताया कि वहां 30 लोगों की मौत हुई। प्रत्यक्षदर्शी लेन पेनेहा ने बताया कि उन्होंने काले कपड़े पहने एक व्यक्ति को मस्जिद में जाते देखा और उसके बाद गोलीबारी की आवाज सुनाई दी। मस्जिद के निकट रहने वाले पेनेहा ने बताया कि बंदूकधारी मस्जिद से बाहर भागा और उसने अपना हथियार रास्ते में गिरा दिया। इस बीच स्पष्ट रूप से हमलावर द्वारा ऑनलाइन लाइव जारी किए गए वीडियो में भयावह जानकारियां दिख रही हैं। बंदूकधारी मस्जिद में दो मिनट से अधिक समय रहा और गोलीबारी की। इसके बाद वह बाहर सड़क पर आया और वहां गोलियां चलाईं। वह एक अन्य रायफल लेने अपनी कार में आया और उसने दोबारा मस्जिद में गोलियां चलाई। बाहर आते समय उसने एक महिला पर गोलियां चलाईं। इसके बाद हमलावर अपने वाहन में बैठकर फरार हो गया।

गोलीबारी की एक अन्य घटना लिनवुड मस्जिद में हुई। अर्डर्न ने बताया कि वहां 10 लोगों की मौत हुई। हमले की जिम्मेदारी लेने वाले व्यक्ति ने बताया कि वह न्यूजीलैंड हमले की साजिश रचने और इसके लिए प्रशिक्षण देने ही आया था। उसने कहा कि वह किसी संगठन का सदस्य नहीं है लेकिन कई राष्ट्रवादी समूहों से उसने बातचीत की और उनकी ओर उसका झुकाव है। उसने अकेले ही इस हमले को अंजाम दिया और उसे किसी संगठन ने हमले का आदेश नहीं दिया था। उसने कहा कि उसने यह दर्शाने के लिए न्यूजीलैंड को चुना कि दुनिया का सबसे दूरदराज का हिस्सा भी ‘‘सामूहिक आव्रजन’’ से मुक्त नहीं है।