नयी दिल्ली,कांग्रेस ने कहा है कि सरकार ने महंगाई और बेरोजगारी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा से बचने के लिए संसद की कार्यवाही निर्धारित अवधि से एक दिन पहले स्थगित की है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, कांग्रेस सांसद के सुरेश तथा जयराम रमेश ने गुरुवार को यहां पार्टी मुख्यालय आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा महंगाई का है। देश में महंगाई आसमान छू रही है और बेरोजगारी का आंकड़ा अब तक के सबसे ऊंचे स्तर है और इन मुद्दों को विपक्ष संसद में नहीं उठाए इसलिए कार्यवाही पहले ही स्थगित की गई है।
खडगे ने कहा कि कांग्रेस पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम बढ़ने पर लगातार चिंता व्यक्त कर रही है और सड़क से लेकर संसद तक इस मुद्दे को उठा रही है और सरकार पर महंगाई कम करने के लिए दबाव बना रही है लेकिन सरकार विपक्ष की बात सुनकर अनसुना करती रही। सरकार पहले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव तक चुप रही लेकिन उसके बाद पेट्रोल डीजल के दाम 10 रुपए तक और एलपीजी के दाम 50 रुपए बढ़ा दिये हैं। उर्वरकों के दाम भी बढ़ गये हैं और लगभग सभी आवश्यक वस्तुओं के दाम 15 से 17 फीसदी बढ़े हैं और इसको लेकर भी विपक्ष ने सरकार से संसद में चर्चा कराने की मांग की लेकिन सरकार उनकी मांग टालती गई ताकि देश की जनता के सामने हकीकत नहीं आये इसलिए सरकार ने चर्चा की अनुमति नहीं दी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सभी मुद्दों पर सरकार को संसद में सहयोग दिया लेकिन सरकार ने जनता से जुड़े मुद्दों पर संसद में चर्चा कराने की विपक्ष की मांग को ठुकरा दिया। उनका कहना था कि सरकार को गरीबों, किसानों, बेजरगारी जैसे मुद्दों पर संसद में चर्चा करानी चाहिए थी लेकिन उसने एक दिन पहले ही आज सुबह सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।
श्री खडगे ने कहा कि कार्य उत्पादता बढ़ी है क्योंकि हमने सहयोग किया था लेकिन जब सरकार मनमानी करती है और विपक्ष की बात नहीं मानती है तो विपक्ष को बहिर्गमन किया। उनका कहना था कि दिल्ली नगर निगम के एकीकरण विधेयक का पूरी तरह से विरोध किया है। इसी तरह पार्टी ने दंड संहिता प्रक्रिया विधेयक का भी विरोध किया और पार्टी आज भी इस विधेयक को गलत मानती है।