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मुख्यमंत्री योगी ने की स्वच्छता श्रमदान कार्यक्रम में तैयारियों की समीक्षा

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 01 अक्टूबर को प्रदेशभर में आयोजित होने जा रहे एक घंटे के स्वच्छता श्रमदान कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा आज की।

यहां मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में इस आयोजन को लेकर बैठक में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्र को स्वच्छता का संदेश देने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 154वीं जयंती के अवसर पर ‘स्वच्छता ही सेवा’ पखवाड़ा के तहत समस्त नगरीय निकायों में 154 घण्टे का सफाई अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान की सफलता में स्वच्छ सारथी क्लब को विकसित कर विश्वविद्यालयों/विद्यालयों में कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। नगर के चैराहों, बस स्टॉप की साफ-सफाई की जा रही है। इस महत्वपूर्ण अभियान में जनसहभागिता को बढ़ाया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘कचरा मुक्त भारत’ की परिकल्पना को साकार रूप देने के क्रम में हमारा यह सामूहिक प्रयास राष्ट्रपिता बापू को उनकी जयंती की पूर्व संध्या पर ‘स्वच्छांजलि’ होगी। हर प्रदेशवासी अपने आस-पास के परिवेश में साफ-सफाई सुनिश्चित करने के लिए श्रमदान अवश्य करे। इसके लिए जनजागरूकता का प्रसार किया जाए। स्वच्छता श्रमदान के लिए सभी नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। कार्यक्रम के लिए स्थान चिन्हांकन सहित सभी आवश्यक तैयारियां कर ली जाएं।

श्रमदान की सफलता के लिए 30 सितम्बर, 2023 को प्रदेश के सभी नगरीय निकायों, ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों, जिला पंचायतों की विशेष बैठक आहूत कर श्रमदान कार्यक्रम के लिए प्रस्ताव पारित किया जाए। सभी बेसिक व माध्यमिक विद्यालयों के बच्चों की प्रभातफेरी निकाली जाए। प्रभातफेरी के उपरान्त बच्चे और स्कूल शिक्षक विद्यालय परिसर की साफ-सफाई के दायित्व का निर्वहन करें। बच्चों के लिए मिष्ठान आदि की व्यवस्था भी की जाए।

श्रमदान के इस कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों, गैर सरकारी संगठनों, सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, आर0डब्ल्यू0ए0, नागरिक संगठनों की सहभागिता होनी चाहिए। सभी जनपदीय नोडल अधिकारी इस दिवस को अपने प्रभार वाले जनपद में उपस्थित रहें। इस अवसर पर स्वच्छता कर्मियों का सार्वजनिक सम्मान किया जाए।श्रमदान के लिए ऐतिहासिक, धार्मिक महत्व के स्थलों, नदियों के घाटों, गार्बेज वर्नलेबल पॉइंट, खाली प्लॉटों, बस स्टेशनों, सड़क किनारे की पटरियों, कूड़े का ढेर वाले स्थलों का चयन किया जाए। अस्पतालों के समीप बायोमेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल, सार्वजनिक शौचालयों की साफ-सफाई की व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी दिनों में माँ दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन व छठ पूजा आदि कार्यक्रम हैं इसलिए स्वच्छता का यह क्रम अनवरत जारी रखा जाना चाहिए। शहरी कचरे का एक बड़ा भाग हानिकारक प्लास्टिक का है। इसके उपयोग न करने के लिए जनजागरूकता बढ़ाने के प्रयासों के साथ-साथ अब इन्फोर्समेण्ट की कार्रवाई भी की जाए। प्रतिबन्धित पॉलिथीन के इस्तेमाल पर कड़ाई से रोक लगाई जाए।