नई दिल्ली,धरती के विशालतम जीव डायनासोर को विलुप्त हुए भले ही लंबा अरसा बीत गया हो, लेकिन वे आज भी वैज्ञानिकों से लेकर आम इंसानों तक के लिए कौतुहल का विषय बने हुए हैं। इस जीव की उत्पत्ति से लेकर इसके अंत तक को जानने के संबंध में दुनियाभर के वैज्ञानिक कई अध्ययन कर चुके हैं, इसके बावजूद इनकी उत्पत्ति, विकास और अंत के सटीक प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं।
कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो मिसिसॉगा के अनुसंधानकर्ताओं ने अर्जेंटीना, चीन एवं दक्षिण अफ्रीका में खोजे गए स्थानों पर इन अंडों एवं अंडे के छिलकों के जीवाश्म अवशेषों का अध्ययन किया। अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि 19.5 करोड़ साल पुराने ये अंडे जीवाश्म रिकॉर्ड में ज्ञात सबसे प्राचीन अंडे हैं। ये सभी अंडे सॉरोपॉड्स ने दिए थे। सॉरोपोड्स चार से आठ मीटर लंबे तथा लंबी गर्दन वाले शाकाहारी जीव थे और अपने समय के सबसे आम एवं दूर-दूर तक पाए जाने वाले डायनासोर थे।
न्यूज एजेंसी भाषा की खबर के मुताबिक टोरंटो यूनिवर्सिटी के रॉबर्ट रीस्ज ने कहा, “जीवाश्म रिकॉर्ड में रेंगने वाले एवं स्तनपायी परभक्षियों के 31.6 करोड़ साल पुराने कंकाल मौजूद हैं लेकिन 12करोड़ साल बाद तक भी उनके अंडों एवं अंडों के खोलों के बारे में हम कुछ भी नहीं जानते हैं।”रीस्ज ने एक बयान में कहा, “यह बड़ा रहस्य है कि ये अंडे अचानक से इस समय नजर आए हैं और इससे पहले नहीं दिखे थे। बेल्जियम की घेंट यूनिवर्सिटी के एक अनुसंधानकर्ता कोइन स्टेन के मुताबिक ये अंडे डायनासोर में प्रजनन प्रक्रिया के क्रमिक विकास का पता लगाने की दिशा में अहम कदम साबित हो सकते हैं।