योगी सरकार ,मशरूम की खेती के जरिए किसानों को बना रही आत्मनिर्भर

लखनऊ, किसानों की आय बढ़ाने और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे राज्य में मशरूम की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है।

यह पहल किसानों की समृद्धि और आत्मनिर्भरता के लिए नए रास्ते खोलने के सरकार के चल रहे प्रयासों का हिस्सा है। इस अभियान के तहत राजधानी लखनऊ समेत आठ जिलों में मशरूम की खेती तेजी से लोकप्रिय हो रही है। किसानों को इस लाभदायक व्यवसाय से जोड़कर सरकार न सिर्फ रोजगार पैदा कर रही है बल्कि उन्हें वैज्ञानिक और तकनीकी खेती के तरीकों की ओर भी ले जा रही है।
खास बात यह है कि मशरूम की खेती अब सिर्फ पुरुषों तक सीमित नहीं रही- महिलाएं भी इस क्षेत्र में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं और सफल भी हो रही हैं। मथुरा की गीता देवी और हरदोई की सोनाली सब्बरवाल ऐसी ही दो प्रेरक मिसाल हैं।

अधिकारियों ने शुक्रवार को यहां दावा किया कि गीता देवी ने ढाई साल पहले मशरूम की खेती शुरू की थी। योगी सरकार के सहयोग से उन्होंने 1.61 करोड़ रुपये की परियोजना शुरू की, जिसके लिए उन्हें 70 लाख रुपये का ऋण मिला। आज उनकी मशरूम की उपज मथुरा ही नहीं बल्कि आगरा और दिल्ली जैसे शहरों में भी सप्लाई की जाती है। उनकी सफलता की वजह से उन्हें सालाना 20 से 25 लाख रुपये की आमदनी हो रही है, जिससे वे स्थानीय निवासियों और दूसरे जिलों की महिलाओं के लिए रोल मॉडल बन गई हैं।

इसी तरह हरदोई की सोनाली सभरवाल ने मशरूम की खेती को मिशन के तौर पर अपनाया है और ग्रामीण महिलाओं को इस उच्च संभावना वाले कृषि व्यवसाय से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित और प्रशिक्षित किया है। लखनऊ, मथुरा, सहारनपुर, मिर्जापुर, जौनपुर, हरदोई, रायबरेली और भदोही समेत इन आठ जिलों में किसान मशरूम की खेती से लाखों कमा रहे हैं।

तकनीकी और वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार आत्मनिर्भर कृषक समन्वय विकास योजना और एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (एआईएफ) जैसी योजनाओं के जरिए किसानों को संसाधन और सहायता मुहैया करा रही है। ये योजनाएं किसानों को पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर उच्च लाभ वाले कृषि व्यवसाय अपनाने में मदद कर रही हैं।

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