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राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में रूहेलखंड विश्वविद्यालय का 20वां दीक्षान्त समारोह सम्पन्न

लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति  आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में गुरुवार को रूहेलखंड विश्वविद्यालय, बरेली का 20वां दीक्षान्त समारोह सम्पन्न हुआ और राज्यपाल ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए उनसे अपील की कि वे अपने सामाजिक जीवन में उन व्यक्तियों का ध्यान रखेंगे, जिनके जीवन में विकास की किरण नहीं पहुँची है।

आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय द्वारा आर्थिक दृष्टि से पिछड़े क्षेत्र में उच्च शिक्षा के माध्यम से सराहनीय योगदान देने की सराहना की। राज्यपाल ने समारोह में उपस्थित सभी को आज गुरू गोविन्द सिंह जयन्ती की बधाई देते हुए कहा कि सिख गुरूओं का त्याग और बलिदान हम सभी को प्रेरणा देता है।

राज्यपाल ने विद्यार्थियों से कहा कि वे स्थानीय संसाधनों का उपयोग करके रिसर्च और इनोवेशन के माध्यम से स्थानीय विकास को बढ़ावा देकर अपनी शिक्षा को सही अर्थों में उपयोगी सिद्ध कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमारी शिक्षा का लाभ हमारे व्यक्तिगत विकास के साथ-साथ देश और समाज को भी मिले। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की चर्चा करते हुए श्रीमती पटेल ने कहा कि इसमें उच्च शिक्षा स्तर पर अनके पाठयक्रमों में बदलाव करके अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर युवाओं के लिए प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण तैयार करने पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें विद्यार्थियों को और ज्यादा सीखने का मौका दिया जा रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय में लागू किए गए नवीन पाठ्यक्रमों, शोध कार्यों, शैक्षिक और विद्यार्थियों के हित में देश-विदेश से एमओयू, स्टार्टअप और उद्यम को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों को बढ़ावा देने और सामाजिक गतिविधियोें में योगदान की प्रशंसा की।

राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय में महिला साक्षरता को प्रोत्साहित करने, महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठाये गए कदमों की प्रशंसा भी की। उन्होंने देश में हो रही जी-20 देशों की बैठकों का उल्लेख भी किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के चार शहरों आगरा, वाराणसी, लखनऊ व ग्रेटर नोएडा में भी 01 दिसम्बर, 2022 से 30 नवम्बर, 2023 तक ये आयोजित हो रही हैं। उन्होंने सभी को इस महाइवेन्ट में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने का आह्वान करते हुए कहा कि विदेशी भाषाओं का ज्ञान रखने वाले विद्यार्थी इन देशों के प्रतिनिधियों को अपने देश की विशेषताओं, पर्यावरण, लोकहित में सरकार द्वारा उठाये गए कदमों की जानकारी दें। अपने विश्वविद्यालय में नवाचारों, स्टार्टअप, अन्य विविध गतिविधियों की प्रदर्शनी एवं डिजिटली माध्यम से प्रचारित करके उन प्रतिनिधियों को उनसे परिचित कराएं।

समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने देश में मोटे अनाजों के घटते उत्पादन पर भी चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि 60 के दशक में हमारे देश में कुल खाद्यान्न का 40 प्रतिशत उत्पादन मोटे अनाज के रूप में होता था। उन्होंने विश्वस्तर पर इसकी बढ़ती मांग, स्वास्थय की दृष्टि से इसके फायदे और इसके पोषक तत्वों के साथ-साथ इसके व्यंजनों की चर्चा भी की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोेदी जी के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया है।

राज्यपाल ने विश्वविद्यालय परिसर में सौन्दर्यीकृत अटल सभागार का उद्घाटन किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ राज्यपाल जी ने मटकी में जलधारा अर्पित कर जल संचयन और भूजल संवर्द्धन के संदेश के साथ किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय वर्ष भर में जितना जल उपयोग में लाते हैं, उतने जल संचयन का प्रभावी उपाय करें।

दीक्षांत समारोह में कुल विभिन्न संकायों के 843 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गयी। 77 शोध उपाधियाँ प्रदान की गयीं। विशेष उपलब्धि प्राप्त करने वाले 84 मेधावी छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।

इस अवसर पर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय, सांसद संतोष कुमार गंगवार, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी, कार्य परिषद एवं विद्या परिषद के सदस्यगण, शिक्षकगण एवं कर्मचारीगण तथा अन्य महानुभाव मौजूद रहे थे।