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रामलला के आगमन का इंतज़ार हुआ पूरा, इस तिथि को हो सकती है मूर्ति स्थापना

अयोध्या,  देश दुनिया में करोड़ो रामभक्तों का सदियों लंबा इंतजार अगले साल जनवरी में समाप्त हो सकता है जब संत धर्माचार्यो की उपस्थिति में ईष्टदेव रामलला की स्थापना भव्य और दिव्य राम मंदिर में की जायेगी। इस दिशा में मंदिर का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है।

भव्य राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियां भी शुरू हो गयी हैं। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आमंत्रण पत्र भी भेज दिया गया है। हालांकि पत्र को लेकर पीएमओ कार्यालय से अब तक कोई जवाब नहीं आया है। रामलला की प्रतिमाओं की स्थापना के लिये 22 जनवरी 2024 की तिथि को सर्वोत्तम माना जा रहा है। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन सात दिवसीय हो सकता है। इसके लिए श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट दस सदस्यीय समिति का भी गठन कर रहा है। देश के हर मठ-मंदिर में इस दिन अनुष्ठान का आयोजन करने की रूपरेखा बन रही है। प्राण प्रतिष्ठा के लिये ट्रस्ट ने देश के सात ज्योतिषयों से शुभ मुहूर्त निकलवाया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 15 जनवरी 2024 को मकर संक्रांति से 25 जनवरी के बीच चार शुभ मुहूर्त पड़ रहे हैं। मकर संक्रांति के अलावा 21, 22 व 25 जनवरी की तिथि को शुभ माना जा रहा है। ट्रस्ट की ओर से प्रधानमंत्री को भेजे गये आमंत्रण पत्र का जवाब अभी तक लिखकर किसी एक तिथि पर नहीं आया है। 22 जनवरी को शांकभरी नवरात्रि का अंतिम दिन भी है और आनन्द योग भी है इसलिए यह दिन प्राण प्रतिष्ठा के लिये सर्वाधिक उपयुक्त माना जा रहा है। 21 जनवरी को प्रजापति योग और पुत्रदा एकादशी का मुहूर्त है, चूंकि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर प्रधानमंत्री दिल्ली में लालकिला पर झण्डा फहराते हैं इसलिए 25 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा सम्भव नहीं लग रही है।

श्रीरामजन्मभूमि पर बन रहे राम मंदिर के तीन मंजिला भवन के भूतल का काम अंतिम चरण में है और यह इस साल अक्टूबर तक में बनकर तैयार हो जायेगा। राम मंदिर निर्माण से मिले सूत्रों के अनुसार श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला का भव्य मंदिर निर्माण के साथ ही मंदिर जाने वाले तीन प्रमुख रास्तों का भी काम जोरों से चल रहा है। रामजन्मभूमि पथ का काम 90 फीसदी पूरा हो चुका है। इसी माह के अंत तक यह रास्ता बनकर तैयार हो जायेगा। यह रामलला का मुख्य दर्शन मार्ग भी होगा। इस मार्ग की लम्बाई 566 मीटर है। रामजन्मभूमि पथ बिड़ला धर्मशाला के सामने से सुग्रीव किला के बगल से अमावां मंदिर, रंगमहल के पीछे होते हुए सीधे रामजन्मभूमि परिषद तक जायेगा।

उन्होंने बताया कि इस पर लगभग कुल 39.43 करोड़ रुपये की लागत आ रही है। जिसमें से 23.79 करोड़ भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास की लागत है। तीन सौ नब्बे मीटर लम्बाई में मार्ग की चौड़ाई तीस मीटर व शेष 176 में चौड़ाई तेईस मीटर है। मार्ग पर सात मीटर चौैड़ाई में डामर व कंक्रीट मार्ग, 15 मीटर व दस मीटर चौड़ाई में पैदल पथ का निर्माण हुआ है। पैदल पथ पर रेड सेंड स्टोन पत्थर लगाया जा चुका है जिस पर सुंदर डिजाइन भी बनी है। मार्ग के दोनों ओर औसत 3.50 मीटर चौड़ाई में रेज्ड फुटपाथ का कार्य किया गया।

सूत्रों ने बताया कि इसी तरह रामपथ का कार्य तेजी से चल रहा है जो सहादतगंज से नये घाट जिसकी लम्बाई 13 किमी है। भक्तिपथ श्रृंगारघाट से श्रीरामजन्मभूमि जिसकी लम्बाई 0.75 किलोमीटर है इन मार्गों की कार्य तेजी से हो रहा है। यह तीनों मार्ग श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला के श्रद्धालुओं के दर्शन के लिये कराया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग के द्वारा रामजन्मभूमि पथ पर पर्याप्त रोशनी रहे इसके लिए दो तरह की लाइटें लगायी जा रही हैं। पथ के बीच में ऊंचे लैम्प व मार्ग पर सुंदर डिजाइन व आकर्षक पोल की स्थापना की जा रही है। उन्होंने बताया कि मार्ग पर यात्रियों की सुविधा के लिये स्टोन बेंच, वाटर व प्रसाधन की व्यवस्था की गयी है। इस स्मार्ट मार्ग के दोनों ओर यूटीलिटी डक्ट का प्रावधान किया गया है जिससे विद्युत तार ऊपर नहीं दिखायी देंगे व भविष्य में मार्ग बार-बार खोदने की आवश्यकता नहीं होगी।

श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने यूनीवार्ता को आज यहां बताया कि रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के लिये अभी कोई तारीख निश्चित नहीं है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आमन्त्रण पत्र भेजा जा चुका है। वहां से मंजूरी मिलने के बाद ही तारीख निश्चित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि चौदह जनवरी 24 को खरमास समाप्त होगा। उसी के बाद प्राण प्रतिष्ठा की तारीख निश्चित किया जायेगा।

उन्होंने बताया कि श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला का मंदिर जहां पर प्राण प्रतिष्ठा होना है तैयार हो चुका है। केवल गेट, खिडक़ी, नक्काशी का कार्य बाकी है जो शीघ्र हो जायेगा। उनका मानना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तिथि की मंजूरी मिलने के बाद श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला का प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम की तैयारियां पूर्ण कर ली जायेंगी।