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श्रावण मास के आगमन को देखते हए शिव मंदिरों में बढ़ने लगी चहल-पहल

भदोही, जैसे-जैसे सावन महीने के आगमन की तिथियां नजदीक आ रही वैसे-वैसे शिव भक्त कांवड़ियों का उत्साह बढ़ता देखा जा रहा है। श्रावण मास के आगमन के साथ भगवान शिव के मंदिरों की साफ सफाई एवं साज सज्जा का काम युद्धस्तर पर शुरू हो गया है। काशी-प्रयाग के मध्य नेशनल हाईवे पर शिव भक्तों की कांवड़ यात्रा देखते ही बनती है। नंगे पांव साष्टांग दंडवत करते हुए आगे बढ़ना, तो कुछ कांवडिया पैदल अथवा दौड़ते हुए चलते देखे जा सकते हैं।

एक तरफ शिव भक्ति का चेहरे पर अजीब से समर्पण का भाव तो किसी के चेहरे पर भांग धतूरे का सुरूर पदयात्रा में रमे कांवडियों की भगवान शिव की प्रति अटूट श्रद्धा व समर्पण को परिलक्षित करती है। तीरथ राज प्रयागराज स्थित गंगा-यमुना व सरस्वती की पावन संगम स्थली से कांवड़ उठा कांवडिए काशी पहुंचकर बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक व दर्शन-पूजन कर इच्छित कामनाओं की पूर्ति करते हैं।

इस बीच प्रयाग से निकालकर काशी जाते समय भदोही जनपद स्थित शिव मंदिरों में भी जलार्पण का विधान है। जहां अधिकांश कांवडिए बाबा सेमराधनाथ धाम, बाबा उदार नाथ, नीलकंठ महादेव, बाबा तिलेश्वरनाथ मंदिर व चकवा महावीर जैसे ऐतिहासिक शिव मंदिरों में मत्था टेककर स्थापित शिवलिंगों का जलाभिषेक करने के उपरांत पंचकोशी यात्रा पूरी करने के बाद काशी की तरफ आगे बढ़ जाते हैं। प्रतिष्ठित ज्योतिषाचार्य पंडित आलोक शास्त्री की मानें तो कभी भदोही जिला भी काशीराज का अंग हुआ करता था। बाबा काशीविश्वनाथ की जलाभिषेक का संपूर्ण फल भदोही स्थित शिव मंदिरों की परिक्रमा के बाद ही मिलता है।

पवित्र सावनमास के आगमन को देखते हुए भदोही के शिव मंदिरों की सजावट, साफ-सफाई का काम युद्धस्तर पर शुरू कर दिया गया है तो वहीं कुछ सामाजिक व धार्मिक संस्थाएं अपना स्टाल लगाकर प्यासे कांवरियों की सेवा व उन्हें पानी पिलाकर पुण्य कमाने की तैयारी में जुट गई हैं।

अपर पुलिस अधीक्षक डॉक्टर तेजवीर सिंह ने बताया कि कावड़ यात्रा में भारी तादाद में कावडि़यों के आगमन के मद्देनजर पुलिस व जिला प्रशासन पूरी तैयारी के साथ सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर सुनिश्चित करने में जुटा है। कावड़ यात्रा के दौरान जनपद सीमा में पड़ने वाला पूरा का पूरा जीटी रोड पुलिस सुरक्षा छावनी में तब्दील रहेगा। जगह-जगह स्थापित पुलिस सुरक्षा चौकियों के अतिरिक्त पुलिस पेट्रोलिंग जारी रहेगी। तो वहीं दूसरी तरफ जगह-जगह स्वास्थ्य महकमें की टीमें किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए हाई अलर्ट पर तैनात रहेगी।