नयी दिल्ली, भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी में मुलायम सिंह यादव और उनके पुत्र एवं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच जारी विवाद को लेकर आज कटाक्ष किया कि भारतीय समाज में वसीयत लिखने का अधिकार पिता का ही है, पुत्र का नहीं और पिता को कानून में गरिमा से जीने का अधिकार हासिल है।
भाजपा के महासचिव भूपेन्द्र यादव ने संवाददाताओं से बातचीत में सपा में पिता-पुत्र के संग्राम पर चर्चा करते हुए कहा कि सपा का वर्तमान संकट यह है कि अधिकृत अध्यक्ष को अनधिकृत तरीके से हटाया गया है। इसी बात को लेकर लड़ाई चल रही है।
उन्होंने कहा कि उन्हें सपा के संविधान की जानकारी तो नहीं है लेकिन विचारणीय बात यह है कि पार्टी अध्यक्ष की अनुमति के बिना राष्ट्रीय परिषद का अधिवेशन बुलाना तथा वर्तमान अध्यक्ष को हटाये बिना ही नया अध्यक्ष बनाना कैसे संभव है। उन्होंने कहा कि भारतीय समाज में वसीयत लिखने का अधिकार पिता को है, पुत्र को नहीं। हमारे देश के कानून में पिता को गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार हासिल है।
उत्तर प्रदेश में भाजपा की चुनावी तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर भूपेन्द्र यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा किसी अन्य पार्टी की कमजोरियों नहीं बल्कि अपनी सकारात्मक खूबियों के आधार पर चुनाव लड़ेगी और अच्छे बहुमत से सरकार बनायेगी। उन्हाेंने कहा कि विकास एवं सुशासन ही भाजपा का एजेंडा होगा। उत्तर प्रदेश में 15 साल से विकास एवं सुशासन को वनवास मिला हुआ था। अब राज्य को जातिवाद,परिवारवाद, तानाशाही आैर अहंकार से मुक्ति चाहिये।
नोटबंदी के निर्णय का उत्तर प्रदेश के चुनाव में असर के बारे में पूछे जाने पर भूपेन्द्र यादव ने कहा कि पांच नवंबर से 24 दिसंबर तक 17000 हजार किलोमीटर चलीं भाजपा की परिवर्तन यात्राओं के दौरान एक भी गांव में नोटबंदी को लेकर किसी भी व्यक्ति ने शिकायत नहीं की। इस दौरान दस हजार जगह स्वागत समारोह हुए, 31-32 बड़ी जनसभाएं हुईं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छह रैलियां हुईं। डेढ़ सौ युवा सम्मेलन, महिला सम्मेलन और पिछड़ा वर्ग सम्मेलन हुए। जबकि सपा का रथ डेढ़ सौ मीटर भी नहीं चल पाया।