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सपा से बग़ावत कर पूर्व विधायक जय चौबे की घर वापसी से बदले समीकरण

संतकबीरनगर, चुनावी मौसम में नेताओं के पाले बदलने का खेल लगातार जारी है इसी क्रम में संतकबीरनगर जिले के पुराने भाजपाई दिग्विजय नारायण चतुर्वेदी उर्फ जय चौबे, जो 2022 में समाजवादी पार्टी के पाले में जा बैठे थे ,वह इस लोकसभा चुनाव में घर वापसी करते हुए फिर से भाजपा में शामिल हो गये हैं।

श्री चतुर्वेदी भाजपा से बग़ावत करके समाजवादी पार्टी में शामिल हुए तथा 2022 में संतकबीरनगर जिले के खलीलाबाद विधानसभा क्षेत्र से सपा प्रत्याशी के रूप में रनर रहे। पूर्व विधायक जय चौबे ने इस बार सपा से लोकसभा क्षेत्र संतकबीरनगर से उम्मीदवार न बनाए जाने से खीझ कर पिछले दिनों समाजवादी पार्टी छोड़ने का एलान किया था। उन्होंने बसपा में जाने का संकेत दिया था लेकिन बसपा द्वारा प्रत्याशी की घोषणा कर देने के बाद भारी उहापोह के बीच भाजपा में घर वापसी का फैसला लिया और आज प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक व अन्य वरिष्ठ नेताओं के समक्ष भाजपा में शामिल हो गए। चौबे की घर वापसी से एक बार फिर लोकसभा क्षेत्र संतकबीरनगर का राजनीतिक समीकरण उलट पलट गया है।

पूर्व विधायक जय चौबे के साथ जिला पंचायत अध्यक्ष बलिराम यादव, नगर पालिका परिषद खलीलाबाद के चेयरमैन जगत जायसवाल, जिला पंचायत सदस्य अजय शर्मा, प्रधान कौशल चौधरी सहित सैकड़ों लोगों ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने सभी को बीजेपी की सदस्यता दिलाई। जय चौबे सहित अन्य नेताओं के भाजपा में शामिल होने के बाद संत कबीर नगर जिले की राजनीति गर्म हो गई है।

माना जाता है कि मौजूदा सांसद एवं निषाद पार्टी कोटे से संतकबीरनगर लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी प्रवीण निषाद, उनके पिता निषाद पार्टी के सुप्रीमो तथा प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने जय चौबे की घर वापसी में अहम भूमिका निभाई क्योंकि इस समय वे कठिन राजनीतिक संघर्ष में जूझ रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि खलीलाबाद सदर से पूर्व भाजपा विधायक जय चौबे किन्हीं राजनीतिक परिस्थितियों में भाजपा का सीटिंग विधायक रहते हुए भाजपा से बग़ावत करके समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित कराया और सत्ता से खुली बगावत की जिसके नतीजे में बालू खनन के मामले में जिला पंचायत अध्यक्ष जो श्री चौबे के नुमांइदे के रूप में बालू खनन का काम देखते थे के विरुद्ध करोड़ों की जीएसटी, रायल्टी व अन्य प्रकार के जुर्माने को झेल रहे हैं। इन्हीं हालात में भाजपा से बगावत कर सपा में शामिल हुए जय चौबे समाजवादी पार्टी से लोकसभा टिकट न मिलने से नाराज थे। एक सप्ताह पूर्व उन्होंने अपने कैंप कार्यालय पर समाजवादी पार्टी से छोड़ने का एलान किया था और जनता से राय करने का एक सप्ताह का समय मांगा था। आज जैसे ही सुबह हुई तो संत कबीर नगर जिले की सियासत में बड़ा फेरबदल देखने को मिला समाजवादी पार्टी से बागी हुए पूर्व विधायक जय चौबे ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ बीजेपी का दामन थाम लिया।

भाजपा में शामिल होने के बाद पूर्व विधायक जय चौबे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी से ही पूर्व में विधायक रहा हूं और फिर अपनी पार्टी में वापस आया हूं। भारतीय जनता पार्टी की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाते हुए संत कबीर नगर जिले में भारतीय जनता पार्टी को और भी मजबूत करने का काम किया जाएगा।