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सबकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जाति जनगणना जरूरी : मल्लिकार्जुन खरगे

नयी दिल्ली, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को कहा कि दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों और पिछड़ों को समान अधिकार देकर उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए और इसके लिए जाति जनगणना कराना आवश्यक है।

मल्लिकार्जुन खरगे ने आज यहां रामलीला मैदान में संविधान बचाने, आरक्षण की सीमा बढाने और जाति जनगणना की मांग को लेकर आयोजित विशाल रैली को संबोधित करते हुए कहा, “देश में गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई बढ़ती ही जा रही है लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।रामलीला मैदान में संविधान बचाने, आरक्षण की सीमा बढ़ाने और जाति जनगणना के लिए हो रही रैली में देश भर से आए आप सभी साथियों को मैं बधाई देता हूं।हम साथ मिलकर संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए लड़ेंगे।”

उन्होंने कहा,”हम जातिगत जनगणना करवाएंगे और रिजर्वेशन में 50 प्रतिशत की सीमा को खत्म करके उसे आगे बढ़ाएंगे, तभी लोगों को न्याय मिलेगा। संविधान ने हमें सम्मान और स्वाभिमान से जीने का अधिकार दिया है, आगे बढ़ने का समान अवसर दिया है। इस अधिकार को पाने के लिए देश में जातिगत जनगणना बहुत जरूरी है, जिससे देशवासियों की सही भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।”

उन्होंने रैली के आयोजन के लिए कांग्रेस से संबद्ध विभिन्न संगठनों को बधाई दी और कहा, “दलित, ओबीसी, अल्पसंख्यक और आदिवासी संगठनों के परिसंघ को भी मैं बधाई देता हूं जिसके बैनर तले यहां एक छोटा भारत इकट्ठा हुआ है। ये रैली अनेकता में एकता प्रतीक है। पिछले 11 वर्षों में बीजेपी ने लगातार संविधान, संवैधानिक संस्थाओं और लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश की है। विपक्ष की आवाज़ को दबाने की कोशिश हुई। मीडिया पर पाबंदियाँ लगाई गई और पत्रकारों को जेल में डाला गया। बीजेपी के नेता सरे-आम संविधान को बदलने के लिए 400 सीटों की माँग करने लगे हैं।”

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “ऐसे माहौल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से कश्मीर और फिर मणिपुर से मुंबई तक की यात्रा निकाली। इन यात्राओं ने जनता के मुद्दों को कांग्रेस पार्टी का मुद्दा बनाया, देश का मुद्दा बनाया और आज आप सब यहाँ इस ऐतिहासिक रामलीला मैदान में इकट्ठा हुए है क्योंकि ये मुद्दे आज भी ख़त्म नहीं हुए। मुझे खुशी है कि आप सभी लोग ऐसे मुद्दों पर भी लड़ रहे हैं जो देश के नौजवानों, मजदूर, कमजोर तबकों, माइनारिटीज और किसानों की समस्याएं है।”

उन्होंने कहा,”चाहे वक्फ बोर्ड में हस्तक्षेप की बात हो, निजीकरण पर रोक और ठेकेदारी प्रथा की समाप्ति हो, खाली पदों को भरमें आरक्षण, किसानों की एएसपी गारंटी,

आदिवासियों की जल जंगल औऱ जमीन बचाने का मसला हो, चुनाव साफ सुथरे तरीके से हों, ये सब हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी के विषय हैं। हम किसी भी राजनीतिक या आर्थिक शक्ति को लोकतंत्र को तबाह करने की इजाजत नहीं दे सकते।”