लखनऊ, उत्तर प्रदेश सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी जनित सेवाओं को उद्योग का दर्जा दिए जाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि आईटी/आईटीएस क्षेत्र की तीव्र वृद्धि में सहायता के लिए राज्य को परिवर्तनकारी सुधारों को कार्यान्वित किए जाने की आवश्यकता है। इन सुधारों का उद्देश्य आईटी और आईटीएस क्षेत्र को “उद्योग” का दर्जा दिया जाना है। आवासीय विकास प्राधिकरणों तथा औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में औद्योगिक श्रेणी के अन्तर्गत वर्गीकृत भूमि को आईटी/आईटीईएस क्षेत्र की इकाइयों को औद्योगिक दर पर भूमि आवंटन की सुविधा प्रदान करने से आईटी/आईटीईएस इकाइयों को भूमि उपलब्धता में सुगमता होगी।
आईटी/आईटीईएस क्षेत्र की नई क्रियाशील इकाईयों, जिनका न्यूनतम लोड 150 किलोवॉट है, को औद्योगिक दरों पर विद्युत उपलब्ध कराए जाने से उनकी लाभप्रदता बढ़ाने में मदद मिलेगी और उत्तर प्रदेश राज्य आईटी/आईटीईएस क्षेत्र में अधिक निवेश आकृष्ट करने में सक्षम होगा। इस प्रकार के पुनर्वर्गीकरण से उत्तर प्रदेश में प्रचलित दरों के अनुसार इस क्षेत्र के लिए विद्युत की लागत में लगभग 18 प्रतिशत की बचत होगी।