नयी दिल्ली, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डा़ हर्षवर्धन ने कहा कि देश में डेंगू से बचाव की वैक्सीन को बनाने को काम आरंभिक चरण में है और अगले कुछ वर्षों में यह दवा बाजार में आ जाएगी।
डा़ हर्षवर्धन ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान डेंगू से बचाव की केन्द्र सरकार की योजनाओं से जुड़े एक पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि डेंगू के इलाज के लिए दवा पर शोध हो रहा है। हलांकि यह अभी शुरूआती चरण में हैं। अगले कुछ वर्षों में यह दवा बाजार में उपलब्ध करा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि डेंगू और अन्य ऐसी बीमारियां मच्छरों के काटने से फैलती है और इनके बारे में लोगों को जागरूक किया जाना जरूरी है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में डा़ हर्षवर्धन ने कहा कि चिकित्सकों की नियुक्ति की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है और अगर वह ऐसे विशेषज्ञों की नियुक्ति नहीं कर सकती है तो इस संबंध में केन्द्र सरकार के प्रस्ताव ‘यू कोट, वी पे’ अर्थात आप चिकित्सकों की नियुक्ति उचित वेतन के आधार पर करिए और इसका भुगतान केन्द्र सरकार करेगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने ऐसे पर्यावरणीय विषैले पदार्थों का संज्ञान लिया है जो आमतौर पर हानिकारक हैं। इन पदार्थों में प्रदूषक तत्च,भारी धातुएं जैसे सीसा, पारा, आर्सेनिक, कीटनाशक और अन्य रसायन बेंजीन , फार्मेलडिहाइड, रेडोन, फीनोल्स और थेलेट्स आदि शामिल है।
उन्होंने भारी धातुओं से जुड़ी बीमारियों के बारे में सदन काे अवगत कराया कि एम्स नयी दिल्ली में 310 रोगियों में से 147 रोगियों में पर्यावरणीय तौर पर विषैली, भारी धातुएं उच्च स्तर पर पाई गई हैं और पाजिटिव मामलों में फ्लोराइड, पारा, वैनाडियम , क्राेमियम , मैंगनीज , आयरन और सीसा शामिल है।