लखनऊ, श्रमिक विशेष ट्रेनों में सफर कर रहे तीन प्रवासी कामगारों की यात्रा के दौरान ही मौत हो गयी। ये सभी पहले से गंभीर बीमारियों से ग्रस्त थे।
कानपुर के जिलाधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी ने बताया कि मृतक यात्रियों के परिजनों का कहना है कि इन सभी को पहले से ही गंभीर बीमारियां थी। सूचना मिलते ही जिला प्रशासन ने तीनों यात्रियों के परिजनों से संपर्क करते हुए यह जानकारी ली कि उन्होंने कहां-कहां की यात्रा की थी।
परिजनों ने बताया कि इन तीनों को कोई न कोई गंभीर बीमारी थी जिसके कारण इनकी मौत हो गई। तीनों के शव मुर्दाघर में रखे गए हैं।
जिलाधिकारी ने बताया कि दिल्ली से दीमापुर जा रही श्रमिक विशेष ट्रेन में शनिवार को नगालैंड निवासी नैचिनल्यू डिसांग (23) की मौत हो गई। ऐसी जानकारी है कि उसे लिवर की बीमारी थी।
उन्होंने बताया कि नैचिनल्यू के शव को सुबह दस बजे कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर उतारा गया। कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए उसका नमूना लिया गया। रिपोर्ट आने के बाद पोस्टमार्टम होगा। नैचिनल्यू हिमाचल प्रदेश के एक स्पा सेंटर में काम करती थी।
तिवारी ने बताया कि आंध्र प्रदेश से लखनऊ जा रही विशेष ट्रेन में उन्नाव निवासी राजेंद्र प्रसाद (50) ने दम तोड़ दिया जबकि सूरत से बिहार जाने वाली ट्रेन में सिवान की रहने वाली मुन्नी देवी (80) की मौत हो गई। साथ में सफर करने वालों ने बताया कि वह अचानक बेहोश हो गईं। नियंत्रण कक्ष को इसकी को सूचना दी गई। कानपुर रेलवे स्टेशन पर उन्हें मृत घोषित किया गया।
जिलाधिकारी ने बताया कि मौत के तीनों मामलों में जिला प्रशासन ने उनके परिवार वालों से संपर्क किया और सभी को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से नि:शुल्क वाहनों की व्यवस्था करते हुए उनके गृह नगर भेजने की व्यवस्था की जा रही है।