बीजेपी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री को बनाया प्रदेश अध्यक्ष, संघ व विद्यार्थी परिषद में रहे सक्रिय

नई दिल्ली, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने हरियाणा के पूर्व कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ को प्रदेशाध्यक्ष पद पर नियुक्त किया है। इसके साथ इस पर पद नियुक्ति को लेकर गत कई माह से चल रही चर्चाओं और अटकलों का पटाक्षेप हो गया है।

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नगत प्रकाश नड्डा ने प्रदेशाध्यक्ष पद के लिये श्री धनकड़ के नाम पर अंतिम मुहर लगा दी है जो श्री सुभाष बराला का स्थान लेंगे। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और कार्यालय प्रभारी अरूण सिंह ने श्री धनकड़ की नियुक्ति को लेकर आज पत्र जारी किया। श्री बराला के बाद श्री धनकड़ दूसरे जाट नेता हैं जिन पर पार्टी ने भरोसा जताया है।

प्रदेश में जाट राजनीति का बोलबाला होने के चलते पार्टी हाईकमान को प्रदेशाध्यक्ष पद के लिये ऐसे जाट नेता दरकार थी जो जाटों समेत 36 बिरादरियों को साथ लेकर चलने की क्षमता रखता हो। श्री धनकड़ राज्य की पिछली भाजपा सरकार में कृषि मंत्री थे और स्वयं भी एक किसान होने के चलते उनकी जनता के बीच सतही स्तर पर गहरी पैठ है।

श्री धनकड़ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में सक्रिय भूमिकाओं में रहने के अलावा वर्ष 2011 से 2015 तक दो बार भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निकटता की वजह से उनके ड्रीम प्रोजेक्ट ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ के लिये श्री धनकड़ को राष्ट्रीय संयोजक बनाया गया था।

श्री धनकड़ का जन्म हरियाणा के झज्जर जिले के धाकला गांव में हुआ है। वर्ष 1978 में वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से एक स्वयंसेवक के तौर पर जुड़े। 1980 से 1996 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लिए काम किया। बाद में वह स्वदेशी जागरण मंच से भी जुड़े रहे। वर्ष 1996 में वह भाजपा से जुड़े तथा उन्हें राष्ट्रीय सचिव की जिम्मेदारी मिली। इसके बाद उन्हें पार्टी के हिमाचल प्रदेश मामलों का प्रभारी बनाया गया जहां कमल खिलाने में उनकी भूमिका रही।

वर्ष 2014 में रोहतक सांसदीय क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन यहां पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पुत्र दीपेंद्र हुड्डा से चुनाव हार गये। लेकिन इसी वर्ष बादली विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर वह विधानसभा पहुंचे और यहां कैबिनेट मंत्री बने। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में बादली सीट से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

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