नयी दिल्ली, औपनिवेशिक दौर के संदर्भेां को दूर करते हुए आईएएस अधिकारियों के संगठन ने अपना नाम ‘‘इंडियन सिविल एंड एडमिनिस्ट्रेटिव (सेंट्रल) एसोसिएशन’’ से बदलकर आईएएस एसोसिएशन कर लिया है।
अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि नए नाम में औपनिवेशिक दौर के संदर्भ को हटा दिया गया है और नया नाम भारतीय लोकाचार को रेखांकित करता है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष तथा आवास और शहरी मामलों के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि शनिवार को एसोसिएशन की वार्षिक आम सभा में नए नाम को सर्वसम्मति से मंजूरी दी गयी।
मिश्रा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ नया नाम प्रतीकात्मक है, जो देश भर के सभी आईएएस अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करता है। नाम में परिवर्तन एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण निर्णय है क्योंकि इससे औपनिवेशिक युग की भारतीय सिविल सेवा (आईसीएस) के नाम को हटाने में मदद मिलेगी। ’’
उन्होंने कहा कि शनिवार को एसोसिएशन की बैठक में एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय इसके आदर्श वाक्य ‘योग: कर्मसु कौशलम’ (कर्म में पूर्णता ही योग है) के बारे में था।
उत्तर प्रदेश कैडर के 1984 बैच के आईएएस अधिकारी दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि यह आदर्श वाक्य एसोसिएशन द्वारा लंबे समय से इस्तेमाल किया जा रहा था लेकिन इसमें कोई स्पष्टता नहीं थी कि इसे किसने और कब चुना था। इस बैठक में, हमने औपचारिक रूप से अपने पूर्ववर्तियों से उपहार के रूप में इस आदर्श वाक्य को स्वीकार कर लिया।
देश भर में 5,205 आईएस अधिकारी कार्यरत हैं। यह एसोसिएशन कार्यरत और सेवानिवृत्त दोनों सदस्यों का संगठन है।