लखनऊ, यूपी पंचायत चुनाव की मतगणना के बाद चौंकाने वाले नतीजे सामने आयें हैं। सत्ताधारी बीजेपी को जहां अपने ही गढ़ मे शिकस्त मिली है, वहीं, कई दिग्गज विपक्षी दल कई जिलों में खाता भी नहीं खोल पायें हैं।
वैसे तो 75 जिला पंचायतों की 3050 सीटों के नतीजों में , एक निजी टीवी चैनल के आंकड़ों के मुताबिक सपा समर्थित प्रत्याशियों ने 779 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं बीजेपी को सिर्फ 579 सीटों पर ही जीत मिल सकी है। बहुजन समाज पार्टी को 361 सीटें मिली हैं। कांग्रेस सिर्फ 59 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी है। निर्दलीय और अन्य को सबसे ज्यादा 1272 सीटों पर सफलता मिली है।
उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में सत्ताधारी बीजेपी को पछाड़ते हुये नंबर एक पर आने वाली समाजवादी पार्टी का कई जिलों मे खाता भी नही खुला है। समाजवादी पार्टी को मथुरा, गौतमबुद्ध नगर, मुजफ्फर नगर जिलों मे एक भी सीट नही मिली है। वही शामली , बुलंदशहर , हमीरपुर और मऊ में मात्र 2-2 सीट से ही संतोष करना पड़ा है।
पंचायत चुनाव : बीजेपी को पछाड़ समाजवादी पार्टी बनी नंबर वन…
समाजवादी पार्टी ने सबसे ज्यादा 40 सीटें जौनपुर में जीतीं है। इसी क्रम में, 28 सीटें बरेली , 27 सीटें प्रयागराज, 25 सीटें आजमगढ़, 24 सीटें बाराबंकी, 24 सीटें अयोध्या , 21 सीटें लखीमपुर खीरी, 20 सीटें बहराईच, 20 सीटें उन्नाव, 20 सीटें बिजनौर और 19 सीटें गोरखपुर में जीती हैं।
उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में दूसरे नंबर पर रहने वाली सत्ताधारी बीजेपी एकमात्र ऐसी पार्टी रही है जिसने यूपी की सभी 75 जिला पंचायतों में अपना खाता खोला है। इटावा मे ही उसे सबसे कम एक सीट पर संतोष करना पड़ा है। वहीं मऊ, गाजियाबाद और अंबेदकर नगर मे बीजेपी मात्र 2 सीट ही जीत पाई है। बीजेपी ने सबसे ज्यादा 23सीटें गोंडा में जीती हैं। वहीं, गोरखपुर और बदायूं में 20-20 और आगरा में 19 सीटें जीतीं है।
वहीं, उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में तीसरे नंबर पर रहने वाली बहुजन समाज पार्टी का पांच जिलों मे खाता ही नही खुला है। ये जिले महोबा , मैनपुरी , शाहजहांपुर, रायबरेली और शामली हैं, जहां एक भी सीट नही मिली है। बागपत, गौतमबुद्ध नगर , एटा, सीतापुर ,श्रावस्ती, फतेहपुर, कौशांबी, प्रतापगढ़ और इटावा में मात्र एक-एक सीट मिलीं हैं। वहीं हमीरपुर, गोरखपुर, सोनभद्र, फिरोजाबाद, हाथरस, अमेठी, कन्नौज, फर्रूखाबाद मे बसपा को मात्र दो- दो सीटें ही मिलीं हैं। बहुजन समाज पार्टी ने सबसे ज्यादा 17 सीटें आगरा में जीतीं हैं। वहीं आजममगढ़ मे उसे दूसरी सर्वाधिक 14 सीटें मिलीं हैं।
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उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में चौथे नंबर पर रहने वाली कांग्रेस का 45 जिलों मे खाता ही नही खुला है। कांग्रेस को चित्रकूट , मेरठ और कानपुर मंडलों में एक भी सीट नही मिली है। वहीं मिर्जापुर मंडल में मात्र मिर्जापुर, वाराणसी मंडल में मात्र वाराणसी,सहारनपुर मंडल में मात्र सहारनपुर, आगरा मंडल में मात्र मैनपुरी, अलीगढ़ मंडल में मात्र अलीगढ़ और मुरादाबाद मंडल में मात्र रामपुर में खाता खुला है। कांग्रेस को 17 जिलों मे मात्र एक-एक सीट मिलीं हैं। वहीं पांच जिलों मे मात्र दो-दो सीटें मिली हैं। कांग्रेस को सर्वाधिक 9 सीटें सहारनपुर जिले में मिली हैं। वहीं, रायबरेली में उसे 7 सीटें मिली हैं।
सबसे खास बात ये है कि सभी 75 जिलों मे निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है। सबसे कम 1 निर्दलीय उम्मीदवार गौतमबुद्ध नगर से जीता है। वहीं औरैय्या, कासगंज मे मात्र दो -दो निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुये हैं। सबसे ज्यादा 48 निर्दलीय सीतापुर जिले में जीतेंहैं। वहीं, 42 कुशीनगर, 41 गाजीपुर, 39 प्रयागराज, 37 हरदोई, 37 बुलंदशहर, 34 आजमगढ़ और लखीमपुर खीरी में निर्दलीय उम्मीदवार जीतें हैं।