लखनऊ, उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमण के 40 नये मामले सामने आये है और इस अवधि में पाजिटिविटी दर 0.02 फीसदी तक आ गयी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 प्रबंधन के लिये गठित टीम-09 की बैठक में सोमवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में हर दिन ढाई लाख से तीन लाख टेस्ट हो रहें हैं, जबकि पॉजिटिविटी दर 0.02 फीसदी तक आ गई है। अलीगढ़, चित्रकूट, हाथरस, कासगंज, महोबा, शामली और श्रावस्ती में अब कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जिले आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं। इस स्थिति को और बेहतर करने के लिए ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति के अनुरूप सभी जरूरी प्रबंध किए जायेंगे।
उन्होने कहा कि रविवार को किसी भी जिले में दोहरे अंक में नए केस की पुष्टि नहीं हुई। 55 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया, जबकि 20 जिलों में इकाई अंक में मरीज पाए गए। वर्तमान में प्रदेश में एक्टिव कोविड केस की संख्या 1,188 है। यह स्थिति बताती है कि प्रदेश में हर नए दिन के साथ कोविड महामारी पर नियंत्रण की स्थिति और बेहतर होती जा रही है।
श्री योगी ने कहा कि ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के मंत्र से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। पिछले 24 घंटे में 02 लाख 18 हजार 725 कोविड सैम्पल की जांच की गई और 40 नए मरीजों की पुष्टि हुई, जबकि 99 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। इस अवधि में पॉजिटिविटी दर 0.02 प्रतिशत रही। प्रदेश में कोरोना की रिकवरी दर 98.6 फीसद है। अब तक 16 लाख 83 हजार 968 से अधिक प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं।
उन्होने कहा कि कोविड की तीसरी लहर की आशंका देखते हुए सभी जरूरी प्रयास यथाशीघ्र पूरी की जाए। बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से पीकू/नीकू की स्थापना की कार्यवाही तेज हो। अब तक केवल मेडिकल कॉलेजों में पीडियाट्रिक आईसीयू/आइसोलेशन बेड की संख्या 6400 से अधिक हो गई है। इसी प्रकार स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में करीब 2700 पीडियाट्रिक आईसीयू/आइसोलेशन तैयार हो गए हैं। सभी ज़िलों में इस कार्य को शीर्ष प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसकी दैनिक समीक्षा की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक प्रदेश में 04 करोड़ 03 लाख 69 हजार से अधिक कोविड वैक्सीन लगाए जा चुके हैं। 3 करोड़ 38 लाख 42 हजार लोगों ने कम से कम कोविड की एक खुराक ले ली है। यह किसी एक राज्य द्वारा किया गया सर्वाधिक वैक्सीनेशन है। कोविड वैक्सीनेशन को और तेज करने की आवश्यकता है। टीकाकरण के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया को प्रोत्साहित किया जाए।
उन्होने कहा कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में मानकविहीन ट्रॉमा सेंटर संचालन की जानकारी सामने आई है। यह स्थिति स्वीकार्य नहीं है। किसी को भी लोगों के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा कार्य से खिलवाड़ की छूट नहीं दी जा सकती। इस संबंध में गहन पड़ताल की जानी चाहिए। अधोमानक ऐसे ट्रॉमा सेंटरों/अस्पतालों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाए।