मेरठ, उत्तर प्रदेश के मेरठ में झूठे मामले में एक युवक को फंसाने के मामले की जांच में पुष्टि के बाद एक निरीक्षक समेत 12 पुलिसकर्मियों का एक माह का वेतन काटने की संस्तुति की गई है।
अल्पसंख्यक आयोग के आदेश पर जिला मजिस्ट्रेट के बालाजी ने इस मामले की जांच अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को सौंपी थी। बताया गया है कि तत्कालीन पुलिस अधीक्षक नगर डॉ. अखिलेश नारायण सिंह के लिप्त पाये जाने पर उनके खिलाफ भी जांच के आदेश दिये गये हैं।
पुलिस सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि अल्पसंख्यक आयोग को की गई शिकायत में बताया गया था कि यहां भुमिया के पुल स्थित आफाक के होटल पर पुलिस की मदद से कादिर नामक एक व्यक्ति को जबरन कब्जा दिलवा दिया गया था। पुलिस ने आफाक और उसके लडकों पर चोरी का झूठा आरोप लगाकर उन्हें जेल भी भिजवा दिया था।
पुलिस के आला अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद भी थाना पुलिस ने आफाक और उसके बेटों पर जानलेवा हमले जैसे मामलों की धाराएं लगाने की कोशिश की लेकिन अल्पसंख्यक आयोग के आदेश पर मजिस्ट्रेट जांच में पूरा मामले का खुलासा हो सका, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।