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मथुरा में “गंदगी से आजादी” अभियान ने दिया ये स्वच्छता संदेश

लखनऊ, नगर में चल रहे “गंदगी से आजादी” अभियान के अंतर्गत महत्वपूर्ण स्वच्छता संदेश दिये जा रहें हैं। जो आम जन को प्रभावित कर रहें हैं। 

स्वच्छ भारत मिशन, नगरीय द्वारा संचालित  “गंदगी से आजादी” अभियान  “गंदगी से आजादी” अभियान,  नगरीय स्वच्छता के लिए एक बड़ा कदम सिद्ध हो रहा है। मथुरा नगर निगम  के  वार्डों में प्रतिदिन, स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए  “गंदगी से आजादी” अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के अंतर्गत आज वार्ड तरसी नंबर 8 में स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम मे बताया गया कि अपना कूड़ा हमेशा कूड़ेदान में ही डालें और कूड़े वाले को ही दें। सार्वचनिक स्थानों पर मत फेंकें। इसीके साथ -साथ कूड़े को अलग अलग करना भी बहुत जरूरी है।इसलिये गीले और सूखे कूड़े-कचरे को अलग-अलग कूड़ेदान में ही डालें। गीला कचरा रखने के लिए हरा कूड़ेदान और सूखे कूड़ा रखने के लिए नीले रंग का कूड़ेदान प्रयोग करें। 

कार्यक्रम में नाटक के द्वारा बताया कि सूखा कूड़ा और गीला कूड़ा में क्या अंतर है? उन्होने आगे बताया कि प्लास्टिक, कांच, पन्नी , प्लास्टिक कवर बाेतलें, चिप्स टॉफी के रेपर , दूध दही के पैकेट और पॉलिथीन पैकेट, गत्ते के बॉक्स, कागज के बर्तन , पेपर कप और प्लेट आदि। धातु के कैन , रबर, थर्माकॉल, प्रसाधन सामग्रियां और बाल आदि  सूखे कूड़े में आता है । जिसे हम नीले डस्टबिन में डालतें हैं।

वहीं, रसाेई का कचरा जैसे बचा हुआ भोजन, सब्जी, फल के छिलके, उबली चाय की पत्ती, चाय कॉफी के बैग, अंडे के छिलके, चिकन अवशेष हड्डियां, सडे  फल- सब्जियां, गंदा टिशू पेपर,  पत्ते के प्लेट्स, पूजा सामग्री ,फूल राख आदि गीले कूड़े में आता है। जिसे हम नीले डस्टबिन में डालतें हैं।