रायपुर, भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) से कल इस्तीफा देने वाले राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आदिवासी नेता नन्द कुमार साय आज कांग्रेस में शामिल हो गए।
नन्द कुमार साय ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।श्री साय को कांग्रेस अध्यक्ष मरकाम ने सदस्य़ता दिलाई।इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री बघेल एवं श्री मरकाम ने मुंह मीठा करवाकर नन्द कुमार साय का पार्टी में स्वागत किया।
कांग्रेस में शामिल होने के बाद नन्द कुमार साय ने कहा कि आज की भाजपा अटल की भाजपा नही है। उन्होने कहा कि भूपेश सरकार ने राज्य में बहुत अच्छा काम किया है।उन्होने भूपेस सरकार की नरवा, गरवा,घुरवा और बारी योजना और राम वन गमन पथ के निर्माण तथा माता कौशिल्या के मन्दिर आदि का जिक्र किया और कहा कि सरकार के कामकाज ने उन्हे बहुत प्रभावित किया।उऩ्होने कहा कि कांग्रेस में शामिल होकर वह गरीबों की और बेहतर सेवा कर सकेंगे।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने श्री साय का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि उनके आने से आदिवासियों की आवाज और बुलन्द होंगी।
नन्द कुमार साय ने कल शाम ही भाजपा से इस्तीफा दे दिया था।श्री साय ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव को भेजे अपने इस्तीफे में आरोप लगाया कि पिछले कुछ वर्षों में भाजपा में उनकी छवि धूमिल करने के लिए पार्टी के भीतर के राजनीतिक प्रतिद्धन्दियों द्वारा लगातार कोशिशे की जा रही है।उन्होने कहा कि लगातार मिथ्या और अन्य गतिविधियों द्दारा लगातार उनकी गरिमा को पहुंचाई जा रही ठेस से वह बहुत आहत महसूस कर रहे है।उन्होने गहराई से विचार करने के बाद भाजपा की अपनी प्राथमिक सदस्यता एवं अपने सभी पदों से वह इस्तीफा दे रहे है।
श्री साय की छवि एक साफ सुथरे नेता की रही है।एक समय वह भाजपा में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में भी शुमार किए जाते थे।राज्य के गठन के बाद वह भाजपा विधायक दल के पहले नेता और इस नाते विधानसभा में पहले नेता प्रतिपक्ष भी थे।वह अविभाजित मध्यप्रदेश में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ,तीन बार विधायक,तीन बार लोकसभा सदस्य तथा दो बार राज्यसभा सदस्य रह चुके है।विधानसभा चुनावों से छह माह पूर्व श्री साय के इस्तीफे को भाजपा के लिए बड़ा धक्का माना जा रहा है।