नई दिल्ली, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा युवा मामले एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने संसद सदस्य, प्रख्यात अभिनेत्री व शास्त्रीय नृत्यांगना हेमा मालिनी, इंडियन ऑयल के अध्यक्ष श्रीकांत माधव वैद्य, लेखक और ‘चल मन वृन्दावन’ के संपादक डॉ. अशोक बंसल और बिमटेक के निदेशक और ‘चल मन वृन्दावन’ के प्रकाशक डॉ. हरिवंश चतुर्वेदी , शत्रुघ्न सिन्हा, जितेंद्र, जैकी श्रॉफ, शोले के निर्देशक रमेश सिप्पी ,गदर के निर्देशक अनिल शर्मा, रंजीत, ईशा देओल, अहाना रहेजा एवं बागवान की निर्मात्री रेनू चोपड़ा की उपस्थिति में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा समर्थित प्रकाशन ‘चल मन वृन्दावन’ कॉफी टेबल बुक का अनावरण किया।
इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए ठाकुर ने कहा कि ‘चल मन वृन्दावन’ जैसा कि नाम से पता चलता है, यह मथुरा से 12 किमी दूर स्थित विश्व स्तर पर लोकप्रिय मंदिर-नगर वृन्दावन की शानदार विरासत की एक खिड़की है। यह पुस्तक वर्तमान पहचान को आकार देने वाले क्षेत्र का कई प्रमुख व्यक्तियों और घटनाओं के साथ जश्न मनाती है।
इस संस्करण का विकास समृद्ध विरासत को वैश्विक दर्शकों तक पहुंचाने की इच्छा से प्रेरित था। ‘चल मन वृन्दावन’ में ब्रज की झलक है और इस कॉफी टेबल बुक में ब्रज के विभिन्न सांस्कृतिक आयामों को प्रस्तुत किया गया है। मैं हेमामालिनी की सराहना करता हूं। हेमा मालिनी और उनकी टीम के साथ ही श्रीकांत माधव वैद्य के नेतृत्व वाली इंडियन ऑयल टीम को इस प्रतिष्ठित पुस्तक को सामने लाने के लिए धन्यवाद, जो वृन्दावन के वास्तविक सार को दर्शाती है। इंडियन ऑयल हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी संरक्षित कर रहा है और इसने इस पुस्तक को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
वहीं, हेमा मालिनी ने कहा कि मैं हमेशा से कहती रही हूं कि फिल्म मेरा करियर है, नृत्य मेरी भक्ति और समर्पण है, और एक राजनेता बनना समाज के लिए मेरी सेवा है। इस प्रतिष्ठित कॉफी टेबल बुक के विमोचन के अवसर पर मैं इस अद्भुत और नेक काम में सहायता प्रदान करने के लिए इंडियन ऑयल को धन्यवाद देना चाहती हूं। श्रीकांत माधव वैद्य और उनकी टीम इस पुस्तक को जीवंत बनाने में उनके अद्भुत सहयोग के लिए धन्यवाद और सराहना की पात्र है।
श्रीकांत वैद्य ने इस परियोजना के साथ इंडियन ऑयल के सहयोग पर बोलते हुए कहा कि ‘चल मन वृन्दावन’ के पीछे की कल्पना को किसी और ने नहीं, बल्कि हेमा मालिनी ने जीवंत किया था। वर्षों के समर्पण के परिणामस्वरूप वृन्दावन की यह शानदार यात्रा शानदार गद्य और ज्वलंत चित्रों में कैद हुई है। जबकि, यह पुस्तक ब्रज की आध्यात्मिकता के चित्र को चित्रित करती है और सांस्कृतिक विरासत के साथ मथुरा के साथ इंडियन ऑयल के गहरे संबंध का बयान भी करता है। ‘चल मन वृन्दावन’ सिर्फ एक किताब नहीं है, बल्कि उससे भी कहीं अधिक है। यह एक आध्यात्मिक यात्रा है, जो वृन्दावन की समृद्ध विरासत को सतत विकास में इंडियन ऑयल के योगदान के साथ जोड़ती है।’
रिपोर्टर-आभा यादव