वेतन आयोग ने सरकारी कर्मचारियों के वेतन एवं भत्तों में वृद्धि को लेकर केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है। सातवें वेतन आयोग ने आज शाम वित्त मंत्री अरुण जेटली को रिपोर्ट सौंप दी। इससे, 50 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारी और 54 लाख पेंशनधारियों को फायदा होगा ।न्यायमूर्ति एके माथुर की अगुवाई वाले वेतन आयोग ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए मूल वेतन, महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का सुझाव दिया है। इसके अलावा एचआरए और अन्य भत्तों में भी बढ़ोतरी की सिफारिश की गई है। रिपोर्ट में केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने की सिफारिश की गई है। औसत वेतन में 23.55 फीसदी में बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया गया है। वहीं, मूल वेतन में 16 फीसदी बढ़ाने की सिफारिश की गई है।
सातवें वेतन आयोग मे हर साल एक जुलाई को सैलरी में बढ़ोतरी का प्रस्ताव, कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 18000 करने का प्रस्ताव, कर्मचारियों का भत्ता 63 फीसदी बढ़ाने की सिफारिश, कर्मचारियों की पेंशन 24 फीसदी बढ़ाने का प्रस्ताव, अधिकतम वेतन दो लाख 25 हजार करने की सिफारिश की गई है। आईएएस, आईपीएस और आईआरएस का वेतन एक समान करने का प्रस्ताव किया गया है।आयोग की रिपोर्ट में सशस्त्र सैन्यकर्मियों के साथ-साथ केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए भी वन रैंक- वन पेंशन की सिफारिश की गई है। सातवें वेतन आयोग ने सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार और अधिकतम 2.25 लाख रुपये तय करने की सिफारिश की है। इसके अलावा आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में सालाना तीन फीसदी वृद्धि की भी सिफारिश की है।सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी, 2016 से लागू होंगी।
चेयरमैन के अलावा आयोग के अन्य सदस्यों में 1978 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी विवेक राय, अर्थशास्त्री रथिन राय शामिल हैं। मीना अग्रवाल आयोग की सचिव हैं। केंद्र सरकार प्रत्येक दस साल बाद अपने कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन के लिए वेतन आयोग का गठन करती हैं।